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Bikru Case: विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिसकर्मियों पर किए थे क्लोज रेंज फायर

अदालत में दाखिल की गई बिकरू कांड की चार्जशीट में फॉरेंसिक फील्ड यूनिट की रिपोर्ट में बताया गया है कि चार से छह फीट की दूरी से घेराबंदी करके बंदूक से पुलिस कर्मियों पर गोलियां दागी गई थीं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 10:04 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 10:04 AM (IST)
Bikru Case:  विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिसकर्मियों पर किए थे क्लोज रेंज फायर
पुलिस कर्मियों की हत्या में मुख्य आरोपित विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में दाखिल चार्जशीट में फील्ड यूनिट की रिपोर्ट ने बड़ा राज खोला है। दो जुलाई की रात पुलिस कर्मियों को विकास और उसके गुर्गों ने घेरकर 'क्लोज रेंज फायरÓ किए थे, जबकि कुछ गोलियां छतों से भी चली थीं। इसी वजह सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे, जबकि इधर-उधर भागने वाले भी बच नहीं सके थे।

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बिकरू कांड को लेकर तीन महीने से पुलिसिया कहानी सुनाई जा रही है कि सीओ देवेंद्र मिश्र को छोड़कर बाकी सभी पुलिसकर्मी छतों से हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में ही शहीद हुए। दैनिक जागरण के संवाददाता को कानपुर फॉरेंसिक फील्ड यूनिट की वह रिपोर्ट मिली है, जिसमें शहीद पुलिसकर्मियों के घावों का जिक्र है। रिपोर्ट में शहीद पुलिसकर्मियों के घावों को क्लोज रेंज फायर यानी नजदीक से गोली मारना बताया गया है।

इससे पुलिसकर्मियों को आमने-सामने नजदीकी मुठभेड़ में घेरकर मारने की बात को बल मिल रहा है। फॉरेंसिक फील्ड यूनिट की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिसकर्मियों पर तब तक गोलियां बरसाई गईं, जब तक उनकी सांसें थम नहीं गईं। यूनिट के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ प्रवीन कुमार श्रीवास्तव ने क्लोज रेंज फायर का तथ्य दर्शाया है, जिसका मतलब है कि चार से छह फीट की दूरी से गोलियां बरसाई गईं।

यह उठ रहे सवाल

  • -क्या पुलिस ने इस एंगल पर भी अपनी चार्जशीट में जांच कर कोई तथ्य जोड़े हैं?
  • -अगर आमने-सामने की मुठभेड़ हुई तो पुलिसकर्मियों के हाथों कोई हमलावर क्यों नहीं मारा गया?
  • -क्या अपनी रक्षा के लिए पुलिसकर्मियों ने गोलियां ही नहीं चलाई थीं?

यह है चोटों का विवरण

सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र : पांच घाव। सिर का आधा हिस्सा उड़ गया। सभी क्लोज रेंज फायर। गोलियां रायफल से चलीं।

एसओ महेशचंद्र यादव : नौ घाव। दो रायफल की गोली से, दो स्टिंगर रायफल और दो 315 बोर तमंचे के। सभी क्लोज रेंज फायर। 315 बोर तमंचे से दो व रायफल से एक गोली दूर से भी मारी गई।

एसआइ अनूप कुमार : 12 घाव। 12 बोर तमंचा के दो क्लोज रेंज फायर। पिस्टल से चार, रायफल से दो, एक 12 बोर की गोली दूर से मारी। तीन में गोली आरपार हुई।

एसआइ नेबूलाल : नौ घाव। सात रायफल के क्लोज रेंज फायर। दो पिस्टल की गोलियां, जो दूर से मारी गईं।

सिपाही सुल्तान सिंह : चार घाव। सभी रायफल के क्लोज रेंज फायर।

सिपाही बबलू कुमार : चार घाव। रायफल के दो क्लोज रेंज फायर। दो धारदार हथियार से संभावित हैं।

सिपाही राहुल कुमार : नौ घाव। एक धारदार हथियार का है, जबकि छह गोलियां पिस्टल से दूर से मारी गईं। दो गोलियां आरपार निकलीं।

सिपाही जितेंद्र पाल : 12 घाव। रायफल के 10 क्लोज रेंज फायर। दो गोलियां पिस्टल से दूर से मारी गईं।


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