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Bikru Case: पुलिस कर्मियों के पास थे चार असलहे पर नहीं चला पाए थे गोलियां

बिकरू में विकास दुबे गैंग क हमले में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे अदालत में दाखिल चार्जशीट में उल्लेख है कि पुलिस कर्मी गोली नहीं चला पाए थे और उनके असलहे विकास दुबे के गुर्गे लूटकर ले गए थे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 09:37 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 09:37 AM (IST)
Bikru Case:  पुलिस कर्मियों के पास थे चार असलहे पर नहीं चला पाए थे गोलियां
बिकरू कांड में एनकाउंटर में मारा गया दुर्दांत विकास दुबे। फाइल फोटो

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों में से चार के पास असलहे तो थे, लेकिन वह हमलावरों पर गोलियां नहीं चला पाए थे। इस बात का उल्लेख चार्जशीट में किया गया है। उनके असलहे हमलावरों ने लूट लिए थे। बाद में लूटी गई एके 47 रायफल से बदमाशों ने ही गोलियां चलाई थीं।

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दो जुलाई की रात जब पुलिस टीम बिकरू गांव में दबिश देने पहुंची तो विकास दुबे के घर की ओर बढ़ते ही टीम पर अचानक छतों से गोलियां चलने लगी थीं। इससे पुलिस कर्मियों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। गोली लगने से सीओ देवेंद्र मिश्रा, शिवराजपुर थाना प्रभारी महेश यादव, मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार सिंह, दारोगा नेबूलाल, सिपाही जितेंद्र, सुल्तान, राहुल व बबलू कुमार की मौत हो गई थी।

चार्जशीट के मुताबिक इनमें से महेश व अनूप के पास उनकी पिस्टल थीं, जबकि जितेंद्र के पास एके 47 व सुल्तान के पास इंसास रायफल थी, लेकिन घायल होने के कारण उनमें से कोई भी गोली नहीं चला पाया। यही नहीं, अन्य पुलिसकर्मी उन्हें गोलीबारी के बीच से सुरक्षित स्थान पर निकालकर नहीं ला सके। बाद में छतों से उतरकर हमलावरों ने उन आठ पुलिसकर्मियों पर फिर गोलियां बरसाईं और असलहे लूटकर ले गए थे।


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