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Vikas Dubey News: आयोग का सवाल- जघन्य हत्याओं में कैसे छूटा विकास, क्यों बन गए लाइसेंस

Vikas Dubey Latest Update सुप्रीमकोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग ने डेढ़ घंटा बिकरू गांव में गुजारकर छानबीन की।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 08:48 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 08:48 AM (IST)
Vikas Dubey News: आयोग का सवाल- जघन्य हत्याओं में कैसे छूटा विकास, क्यों बन गए लाइसेंस
Vikas Dubey News: आयोग का सवाल- जघन्य हत्याओं में कैसे छूटा विकास, क्यों बन गए लाइसेंस

कानपुर, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित न्यायिक आयोग ने बिकरू कांड की जांच शुरू कर दी है। तीन सदस्यीय जांच दल ने मंगलवार को गांव में करीब एक घंटा 20 मिनट गुजारे। आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान ने सवाल दागा कि दुर्दांत अपराधी होने के बाद भी वह जघन्य हत्याओं में कैसे बच गया। वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक केएल गुप्ता ने विकास दुबे की हिस्ट्रीशीट व 60 से अधिक मुकदमे होने के बावजूद लाइसेंस मिलने को लेकर प्रश्न किया। इस पर डीएम-एसएसपी ने उन्हें बताया कि इसकी जांच चल रही है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित हुआ आयोग

दो जुलाई की रात चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या और मुख्य आरोपित विकास दुबे समेत छह आरोपितों को पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग के पुनर्गठन के आदेश दिए थे, क्योंकि यूपी सरकार पहले ही एक सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित कर चुकी थी।

न्यायिक आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान, सदस्य हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एसके अग्रवाल और प्रदेश के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता मंगलवार को कानपुर पहुंचे। पहले सर्किट हाउस में आइजी मोहित अग्रवाल, डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह समेत अफसरों के साथ कुछ देर बैठक की। अपराह्न पौने दो बजे टीम सर्किट हाउस से निकलकर बिकरू गांव पहुंची।

बिकरू गांव में हर पहलू बारीकी से परखा

न्यायिक आयोग के बिकरू पहुंचने पर पुलिस ने गली में जेसीबी को ठीक उसी तरह से खड़ा कर दिया, जैसी स्थिति दो जुलाई की रात को थी। सीन रिक्रिएशन के दौरान आयोग के सदस्यों ने सबसे पहले सीओ देवेंद्र मिश्रा को मारे जाने वाले स्थल का निरीक्षण किया। मुठभेड़ में मारे जा चुके आरोपित प्रेम प्रकाश पांडेय उर्फ प्रेम कुमार के आंगन में बारीकी से हर पहलू को देखा व समझा। आइजी ने जांच आयोग को वह सभी स्थान दिखाए, जहां पुलिस कर्मियों के शव पड़े मिले थे।

प्रेम कुमार के घर पर टीम करीब 15 मिनट तक रुकी। यहां प्रेम कुमार की बहू मनु से दो जुलाई की रात घटना से पहले के वाकये को समझा। मनु ने बताया कि गोलियां चलने के बाद आंगन में पीछे की दीवार से कूदे सीओ को विकास व अमर दुबे ने मारा था। पूर्व डीजीपी ने एसएसपी से हमलावरों की संख्या व गोलियां चलने की दिशा की जानकारी ली। आइजी ने उन्हें पूरा क्राइम सीन बताया। टीम ने एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे के पांचों साथियों के घर भी पूछे। इसके बाद विकास दुबे के ढहाये जा चुके घर पर भी निगाह डाली।

मांगी विकास से जुड़े पुराने मामलों की फाइलें

न्यायिक आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बीएस चौहान ने विकास दुबे के पूर्व चेयरमैन लल्लन बाजपेई के घर पर हमला करने में दो लोगों की मौत व भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड की फाइलें मांगी। कहा कि इनका अध्ययन कराया जाएगा। विकास व गुर्गों की हिस्ट्रीशीट भी मांगी है।


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