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Bikru Case: अमर दुबे की पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर मां बोली- कल तक ठीक थी बेटी, कुछ छिपाया जा रहा है

बिकरू कांड में आरोपित दुर्दांत विकास दुबे के दाहिना हाथ रहे भतीजे अमर दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था नाबालिग घोषित होने पर किशोर न्याय बोर्ड ने बाराबंकी के संप्रेक्षण गृह में भेजा था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 05:55 PM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 07:03 PM (IST)
Bikru Case: अमर दुबे की पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर मां बोली- कल तक ठीक थी बेटी, कुछ छिपाया जा रहा है
बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारा गया विकास दुबे और अमर दुबे। फाइल फोटो

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में आरोपित एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी की बाराबंकी संप्रेक्षण गृह में अचानक तबियत बिगड़ने पर मां ने बड़ा सवाल खड़ा किया है। उसे खून की उल्टियां आने पर मां ने कहा है कि शुक्रवार तक बेटी बिल्कुल ठीक थी, अचानक उसे क्या हो गया। इस बारे में सूचना भी नहीं दी गई, जरूर उनसे कुछ छिपाया जारहा है। वहीं पीड़ित पक्ष के वकील ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।

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बिकरू कांड में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में आरोपित दुर्दांत विकास दुबे के दाहिने हाथ भतीजे अमर दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। किशोर न्याय बोर्ड में उसके नाबालिग घोषित होने पर जेल से उसे 14 सितंबर को बाराबंकी संप्रेक्षण गृह भेजा गया था। शनिवार की रात से उसे अचानक खून की उल्टियां शुरू हो गई थीं। रविवार सुबह बाराबंकी के जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उसे भर्ती कराया गया। चिकित्सक का कहना है कि खून की उल्टियां होने से उसे कमजोरी और बुखार है, इलाज किया जा रहा है।

वहीं कानपुर में मौजूद उसकी मां ने कहा है कि बेटी की तबियत खराब होने की जानकारी बाराबंकी प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है। बीते शुक्रवार को वह अपनी बेटी से मिलकर आई थीं, तब वह बिल्कुल स्वस्थ थी। उसने किसी तरह से अस्वस्थ होने की जानकारी नहीं दी थी। अचानक बेटी की तबीयत कैसे बिगड़ी और इसके बारे में सूचना क्यों नहीं दी गई, यह बड़ा सवाल है। कुछ है जो उनसे छुपाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि माती जेल में एक बार तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिली थी और तबभी उसे खून की उल्टियां हुई थीं। इसके बाद चार माह तक उसे बेटी से अकेले में मिलने नहीं दिया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने उसकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है वह सही नहीं है, बीमारी के बाद परिवार वालों को जानकारी ना देने का कारण समझ में नहीं आया है।


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