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Bikru Case: पुलिस ने नहीं ढहाया था विकास दुबे का मकान, मुकदमे की लिखा-पढ़ी तो यही कह रही...

बिकरू कांड के बाद गैंगस्टर विकास दुबे का मकान ढहाने के बाद तत्कालीन एसओ द्वारा दर्ज कराए गए आर्म्स एक्ट के मुकदमे में असलियत सामने आई है कि पुलिस ने नहीं गिराया बल्कि जर्जर दीवारें छत का भार सहन नहीं कर सकीं और मकान गिर गया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 08:24 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 06:55 AM (IST)
Bikru Case: पुलिस ने नहीं ढहाया था विकास दुबे का मकान, मुकदमे की लिखा-पढ़ी तो यही कह रही...
बिकरू गांव में विकास दुबे के गिरे मकान का मलबा।

कानपुर, [गौरव दीक्षित]। अबतक यही माना जाता है कि बिकरू गांव में विकास दुबे का मकान पुलिस ने ढहा दिया था। मगर, पुलिसिया लिखा-पढ़ी में गैंगस्टर का किलेनुमा घर ढहने की अलग ही कहानी दर्ज है। इसके मुताबिक मकान पुलिस ने नहीं ढहाया, बल्कि जर्जर हो चुकी दीवारों का भार न सह पाने से मकान गिर गया। पुलिस ने तो जेसीबी से केवल मलबा हटाया था।

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गैंगस्टर विकास दुबे का मकान गिरने का ये राज पुलिस द्वारा चार जुलाई 2020 की शाम 7:07 बजे दर्ज एफआइआर संख्या 196 में छिपा था। तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी की ओर से आर्म्स एक्ट की धाराओं में दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि चार जुलाई को मुखबिर से पता चला कि विकास के घर में दीवारें खोखली करके उनमें हथियार छिपाए जाते हैं और ऊपर से बिना चिनाई के ईटें लगाकर ऐसे ढंका जाता है कि किसी को भनक तक नहीं लगे। इनमें गोला-बारूद भी रहता है।

इस सूचना पर पुलिस टीम विकास के घर पहुंची तो वहां दर्जनों स्थानों पर गड्ढे बने दिखे, इससे मुखबिर की बात पर भरोसा हुआ और लगा कि दीवारें खोदकर हथियार निकालने से छत का भार सहने वाली दीवारें अत्यंत जर्जर हो गई हैं। कुछ दीवारें खोदने पर खोखलेपन का पता लगा। ऐसे जर्जर मकान में दीवार खोदकर हथियार बरामद करना खतरे का काम काम था, इसलिए जेसीबी की मदद ली गई। पुलिस ने भी लगभग दो दर्जन स्थानों पर खोदाई की। इसमें पुलिस को तमंचा व कुछ दूसरे हथियारों के साथ बारूद मिला। एफआइआर में दावा है कि पहले से जर्जर दीवारों को जब पुलिस ने खंगाला तो जर्जर दीवारें छत का भार सहन नहीं कर सकीं और भवन की छत गिर गई। पुलिस ने तलाशी के लिए जेसीबी से मलबा हटवाया।

खूब वायरल हुए थे विकास का घर गिराती जेसीबी के वीडियो

दो जुलाई की रात सीओ देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद चार जुलाई को वायरल दर्जनों वीडियो में जेसीबी से घर गिराते दिखाया गया था। मीडिया रिपोर्ट में भी विकास के घर पर खड़ी कारों, बाइक व ट्रैक्टर को जेसीबी से तोडऩे का दावा किया गया था। इससे उलट पुलिस का कहना है कि जेसीबी का प्रयोग हथियारों की सॄचग और मलबा हटाने के लिए हुआ।

जानें-क्या बोले जिम्मेदार

  • पुलिस ने विकास का मकान नहीं ढहाया। पहले तो विकास के लोगों ने ही दीवारों खोद दी थीं, जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गया। बाद में पुलिस ने हथियारों की तलाश की तो मकान स्वत: ढह गया। पुलिस ने इसका मुकदमा भी दर्ज किया था। -बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एसपी ग्रामीण
  • हथियार छिपे होने की सूचना पर ही तलाशी कराई गई थी। उसमें कुछ हथियार और बारूद भी मिले थे। -मोहित अग्रवाल, आइजी

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