Vikas Dubey Encounter: न्यायिक और मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट में एनकाउंटर को सही मानते हुए पुलिस को क्लीनचिट
न्यायिक और मजिस्ट्रेटी जांच में विकास दुबे व उसके तीन साथियों के एनकाउंटर में पुलिस को क्लीनचिट। रिपोर्ट में कहा गया-पलटी ही थी विकास को मध्य प्रदेश से लेकर कानपुर आ रही कार। जांच रिपोर्ट में एनकाउंटर को सही मानते हुए पुलिस को क्लीनचिट दी गई है।
कानपुर, जेएनएन। बीते साल 2 जुलाई की रात बिकरू गांव में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के दूसरे दिन विकास के दो साथियों अतुल दुबे और प्रेम प्रकाश पांडेय को पुलिस ने पड़ोस के गांव में एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद हमीरपुर जिले में अमर दुबे और पनकीमें प्रभात पांडेय एनकाउंटर में मारा गया था। इसी तरह इटावा में प्रवीण शुक्ला ढेर किया गया था। वहीं, मध्य प्रदेश में पकड़े गए विकास दुबे को कानपुर लाते समय सचेंडी के पास गाड़ी पलट गई थी। हादसे के बाद इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल लूटकर भाग रहा विकास दुबे भी एनकाउंटर में मारा गया था। डीएम ने एडीएम भू अध्याप्ति को बदमाश प्रेमप्रकाश और अतुल दुबे के एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच सौंपी थी। एडीएम ने अपनी जांच में कहा है कि अतुल और प्रेमप्रकाश काशीराम नवादा गांव के बाहर बने मंदिर के पास छिपे थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान वहां पुलिस पहुंची तो दोनों बदमाशों ने फायर किए। मुठभेड़ में दोनों बदमाश मारे गए। इस मामले में आइजी मोहित अग्रवाल, तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी बाल-बाल बचे थे। मजिस्ट्रेट ने अपनी जांच में एनकाउंटर को सही माना है। पुलिसकर्मियों को क्लीनचिट दी है। इसी तरह विकास दुबे और प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर की जांच न्यायिक टीम ने की थी। जांच रिपोर्ट में एनकाउंटर को सही मानते हुए पुलिस को क्लीनचिट दी गई है। जांच में कहा गया है कि विकास को ले जा रही गाड़ी पलटाई नहीं गई, बल्कि पलट गई थी। डीएम आलोक तिवारी का कहना है कि जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है पुलिस को इसमें क्लीनचिट मिली है।