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जानिए, कोरोना काल में विजयादशमी पर कानपुर समेत आसपास के जिलों में कैसा रहा पुतला दहन

चित्रकूट में कुछ अनोखा दिखा रावण का पुतला। मैदान में सीमित लोगों के बीच की गई आतिशबाजी। शारीरिक दूरी सहित कोविड गाइडलाइन का किया गया पालन। मेस्टन रोड स्थित रामलीला भवन से हुआ मैदान में लाइव प्रसारण। लोगों ने एक दूसरे को विजयादशमी की बधाई दी।

By ShaswatgEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 09:53 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 09:53 PM (IST)
जानिए, कोरोना काल में विजयादशमी पर कानपुर समेत आसपास के जिलों में कैसा रहा पुतला दहन
प्रभु श्रीराम और उनके भाई लक्षमण का पूजन करते कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी व मैदान में जलता रावण का पुतला।

कानपुर, जेएनएन। असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक का पर्व कानपुर और उसके आसपास के जिलों में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया। कोरोना संकट के बीच मनाए गए पर्व पर लोगों ने रावण का पुतला दहन भी परंपरागत तरीके से किया। भले ही लोग रामलीला का आनंद प्रतिवर्ष की तरह न उठा पाए हों, लेकिन दशहरे पर उनका उत्साह और उनकी उत्सुकता समझी जा सकती थी। कहीं पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए परंपरागत मेलों का आयोजन किया गया तो कहीं पर रावण का पुतला ही ऐसा बनाया गया था जो कि कोरोना से बचाव का संदेश दे रहा था। हालांकि कुछ जिले ऐसे भी रहे जहां 100-150 साल पुरानी परंपराओं को संक्रमण के कहर के चलते तोड़ना पड़ा और कई कार्यक्रम रद करने पड़े। जानते हैं कहां का कैसा रहा माहौल -

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कानपुर में संक्रमण के चलते श्री रामलीला सोसाइटी परेड द्वारा 144 वां महोत्सव मेस्टन रोड स्थित श्री रामलीला भवन में परंपरागत रूप से मनाया गया। भवन में हुई लीला मे लंकापति रावण युद्ध करने के लिए रणभूमि पहुंचे। उन्होंने राम की सेना के शामिल सभी योद्धाओं लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, अंगद से संग्राम किया। अंत में राम-रावण के बीच युद्ध हुआ। लंकापति के वध के बाद होते ही परेड मैदान में भव्य आतिशबाजी के साथ रावण मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला दहन किया गया। सोसायटी के प्रधानमंत्री कमल किशोर अग्रवाल ने विधि विधान से भगवान राम लक्ष्मण के साथ वीर हनुमान का पूजन अर्चन किया। कमेटी पदाधिकारियों के साथ सांसद सत्यदेव पचौरी और विधायक अमिताभ बाजपेई भी पूजन में मौजूद रहे। मैदान में सीमित लोगों के बीच भवन में चल रही लीला का लाइव प्रसारण किया गया। इसके साथ ही रेल बाजार चंद्रिका देवी नौबस्ता और अार्मापुर में प्रतीकात्मक रूप से रावण दहन किया गया।

उन्नाव में दशहरा पर्व के उल्लास पर कोरोना प्रोटोकॉल की बंदिशें भारी पड़ी। ग्रामीण क्षेत्रों में रावण का पुतला दहन तो हुआ, लेकिन दशहरा मेलों का आयोजन न होने से कहीं कोई खास भीड़ नहीं रही। शहर का रावण पांच दिन बाद शरद पूर्णिमा को जलाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में बिहार, बीघापुर, बांगरमऊ, गंजमुरादाबाद, हसनगंज, मियागंज आदि ब्लाक क्षेत्रों में दशहरा पर होने वाले पारंपरिक मेले नहीं हुए लेकिन आयोजन समिति के सदस्यों ने छोटे-छोटे पुतला दहन कर दशहरा का पर्व मनाया। लगभग सौ वर्ष से परंपरा चली आ रही है शहर में रावण वध और पुतला दहन दशहरा के पांचवें दिन शरद पूर्णिमा को होता है।

इस परंपरा के पीछे रामलीला के आयोजन और समिति से जुड़े रहे बुजुर्गों में राजकुमार निगम ने बताया कि कानपुर के दशहरा मेले के कारण उन्नाव का मेला फीका रहता था इससे पांच दिन बाद रामलीला मेला आयोजन की परंपरा पड़ी। घरों में भी लोगों ने सुबह नीलकंठ के दर्शन और मछली देखकर दिन की शुरुआत की। नीलकंठ पक्षी नहीं मिलने पर चित्र देखकर काम चलाया।

इटावा के बसरेहर की रामलीला में दशहरा के अवसर पर कोविड नियमों का पालन करते हुए किया गया रावण दहन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में पहुंचे प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने प्रदेशवासियों को दशहरा की बधाई देते हुए कहा, 2022 में प्रसपा भी विधानसभा चुनाव में बुराई का अंत कर सरकार बनाएगी। शिवपाल ने मंच से ही लोगों से अच्छे और बुरे की पहचान करने का आह्वान भी किया साथ ही ऐसी पार्टियों का दहन करने के लिए भी उन्होंने कहा। इस दौरान अजंट सिंह यादव एवं रामलीला कमेटी के प्रमुख हेमकुमार शर्मा मौजूद रहेl

फतेहपुर में बिंदकी नगर के ऐतिहासिक दशहरा महोत्सव में डीएम संजीव सिंह के निर्देश पर रावण के पुतले का दहन किया गया। मेले में सुरक्षा व्यवस्था में भारी पुलिस बल मौजूद रहा। रविवार को शाम पांच बजे कृष्णा गंज से श्रीराम दल लंका मैदान पहुंचा। यहां पर दोनों दलों के मध्य युद्ध हुआ। सात बजे डीएम संजीव सिंह के निर्देश पर रावण के पुतले का दहन किया गया। कोरोना से लड़ाई व मिशन शक्ति पर महिलाओं के आत्मसम्मान, सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की।

इस दौरान विधायक करण सिंह पटेल, पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा, मधुराज विश्वकर्मा के अलावा एसपी प्रशांत वर्मा, एसडीएम आशीष कुमार, सीओ योगेंद्र सिंह मालिक, तहसीलदार गणेश सिंह का अलावा अन्य अधिकारी व बिंदकी सर्किल का पुलिस फोर्स मौजूद रहा।

चित्रकूट में बुराई के प्रतीक रावण का दहन पुरानी बाजार रामलीला कमेटी की ओर से किया गया। कमेटी ने रामलीला का मंचन नहीं कराया था लेकिन प्रतीकात्मक रूप से दशहरा मनाया गया। पुतला दहन होते ही चारों ओर जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठे। लोगों ने एक दूसरे को विजयादशमी की  बधाई दी। जिले में कर्वी नगर के पुरानी बाजार के अलावा और कहीं पर भी रावण दहन कोरोना के कारण नहीं हुआ। यहां पर भी जो रावण का पुतला बनाया गया था वह कोरोना के बचाव के संदेश देने वाला था। रामलीला कमेटी के प्रबंधक श्याम गुप्ता ने बताया कि कोरोना को देखते हुए पूरे इंतजाम किए गए थे। रावण के पुतला को ही कोरोना का संदेश देने वाला बनाया गया था। पुतले के मुंह पर मास्क था और उसके दस सिर दूरी के साथ बनाए गए थे।

पर्व के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, पूर्व सांसद भैंरो प्रसाद मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, कमेटी के अध्यक्ष अशोक केशरवानी आदि रहे।


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