विजिलेंस अफसरों ने डाला डेरा, ईएसआइसी में खंगाले दस्तावेज
ईएसआइसी के एक्सीडेंटल क्लेम के कागजात भी चेक किए हैं
विजिलेंस अफसरों ने डाला डेरा, ईएसआइसी में खंगाले दस्तावेज
जागरण संवाददाता, कानपुर : कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) में लगातार मिल रहीं गड़बड़ियों की शिकायत पर विजिलेंस अफसरों की चार सदस्यीय टीम ने शहर में डेरा डाल दिया है। रविवार को आए अफसर सोमवार को दिनभर सर्वोदय नगर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर आवासीय परिसर व पांडु नगर बीमा अस्पताल में जांच करते रहे। विजिलेंस अफसरों ने ईएसआइसी के गले की फांस बन चुकी पांडु नगर बीमा अस्पताल की खंडहर बन रही आधी अधूरी बिल्डिंग जाकर देखी। ईएसआइसी के बड़े अफसर के आवास की भी जांच करने गए, जिसके जीर्णोद्धार के नाम पर लंबा खर्च दिखाया गया है। उसके आलाव ईएसआइसी के एक्सीडेंटल क्लेम के कागजात भी चेक किए हैं।
संसद में उठाया था मामला: सांसद सत्यदेव पचौरी ने संसद में कर्मचारी राज्य बीमा निगम में गड़बड़ी एवं भ्रष्टचार का मुद्दा संसद में उठाया था। उन्होंने बीमित कामगारों के 367 करोड़ रुपये की बर्बादी और 10 वर्षों से आधा-अधूरे पड़े बीमा अस्पताल का मुद्दा उठाया था। अस्पताल की बेड क्षमता कम होने से बीमित कामगारों को लाभ नहीं मिल रहा है। इसके अलावा लंबित बिलों का भुगतान न होने एवं निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की बात भी उठाई गई थी। इस पर संसद की कमेटी ने ईएसआइसी के ईएसआइसी के महानिदेशक (डीजी) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
सात दिन चलेगी जांच
डीजी के निर्देश पर चार सदस्यीय विजिलेंस अफसरों की टीम जांच करने के लिए रविवार को शहर पहुंची। सोमवार को टीम क्षेत्रीय कार्यालय पहुंची, जिन्हें देखते ही कुछ अफसर कार्यालय से चले गए। विजिलेंस टीम ने पांडु नगर बीमा अस्पताल, ईएसआइसी कालोनी के आवास के जीर्णोद्धार और एक्सीडेंटल क्लेम से जुड़े दस्तावेज निकलवाए। यहां से टीम पांडु नगर बीमा अस्पताल गई। अफसर यहां सात दिन तक जांच करेंगे। उसमें यह देखेंगे कि निर्माण से पहले आइसीयू के उपकरण, बेड एवं एसी प्लांट खरीदने की क्या जरूरत थी। खरीद मानक के अनुरूप है या नहीं। खरीदे गए सामान का भौतिक सत्यापन भी करेगी।
ऐसे हुई धन की बर्बादी
367 करोड़ रुपये खर्च किए गए बीमा अस्पताल के जीणोद्धार पर फिर भी काम अधूरा।
09 बड़े जनरेटर खरीदे, जो खुले में पड़े जंक खा रहे हैं।
4.5 करोड़ रुपये लांड्री सेटअप में कर दिए खर्च।
5.5 करोड़ रुपये से बिजली के उपकरण, पैनल व ट्रांसफार्मर खरीदे।
18 टन सरिया बाहर पड़े-पड़े गल गया।
40 फिट तक खोदाई कर तैयार किया बेस, भर रहा पानी।