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फतेहपुर कांड : कोमा में जाने से दुष्कर्म पीडि़ता की हालत और नाजुक, दिल्ली शिफ्टिंग पर चर्चा

एलएलआर अस्पताल पहुंचकर राज्य महिला आयोग की सदस्य ने पीडि़ता का हाल लिया।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 05:01 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 05:01 PM (IST)
फतेहपुर कांड : कोमा में जाने से दुष्कर्म पीडि़ता की हालत और नाजुक, दिल्ली शिफ्टिंग पर चर्चा
फतेहपुर कांड : कोमा में जाने से दुष्कर्म पीडि़ता की हालत और नाजुक, दिल्ली शिफ्टिंग पर चर्चा

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) की इमरजेंसी में भर्ती फतेहपुर की दुष्कर्म पीडि़ता की हालत कोमा में जाने से और बिगड़ गई है। सोमवार की सुबह राज्य महिला आयोग की सदस्य ने पीडि़ता का हाल लेकर डॉक्टरों से शिफ्टिंग के बाबत जानकारी ली। बीते दिनों आयोग की सदस्य कमलेश गौतम ने गांव पहुंचकर पीडि़ता को एयर एंबुलेंस से सफदरगंज भेजने की बात कही थी।

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लगातर बिगड़ती जा रही हालत

शनिवार को फतेहपुर के एक गांव में दुष्कर्म पीडि़ता को जिंदा जलाए जाने के बाद शाम को एलएलआर अस्पताल हैलट में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से ही उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। रविवार को सांस लेने में दिक्कत हुई तो सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनुराग सिंह ने ईएनटी सर्जन को सूचना देकर ट्रैकास्टमी कराई।

इसमें सीने में ट्यूब डालकर ऑक्सीजन देने की जगह बनाई। प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि पीडि़ता 80 फीसद जली है, ऐसे मरीजों के अंदरूनी अंगों में 24 घंटे बाद से सूजन आने लगती है। सोमवार को आंखों में सूजन आ गई और फिर उसने बोलना बंद कर दिया। उसकी हालत में लगातार गिरावट आ रही है और वह कोमा में जा रही है।

शिफ्टिंग की भी चल रही तैयारी

रविवार की सुबह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य कमलेश गौतम ने एलएलआर अस्पताल पहुंचकर पीडि़ता की मां से बातचीत की थी। पुलिस और प्रशासन की लापरवाही सामने आने पर डीएम व एसपी का तलब करने की बात कही थी। शाम को उन्होंने गांव पहुंचकर घटना की जानकारी हासिल की थी, जहां पर उन्होंने बेहतर उपचार के लिए पीडि़ता को एयर एंबुलेंस से दिल्ली स्थित सफदरगंज हास्पिटल में शिफ्ट कराने की बात कही थी।

सोमवार की सुबह राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर ने एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी के पीओपी वार्ड में भर्ती पीडि़ता के इलाज के बारे में जानकारी ली। डॉक्टरों से मरीज की शिफ्टिंग को लेकर भी बात की। कहा, अगर बेहतर इलाज मिल रहा है तो दूसरी जगह ले जाने की जरूरत नहीं होगी। वार्ड में साफ-सफाई का विशेष ध्यान देने के लिए भी कहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी, प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या, सीएमएस डॉ. रीता गुप्ता और इमरजेंसी प्रभारी डॉ. विनय कटियार मौजूद रहे।


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