दुष्कर्म पीडि़ता को मिला त्वरित न्याय, 20 दिन में सुनवाई पूरी, 21वें दिन उम्रकैद Kanpur News
तीन हफ्ते में सुनवाई पूरी कर सजा दिलाने का कानपुर का पहला मामला 19 सितंबर को हुई थी पहली सुनवाई।
कानपुर, जेएनएन। दुष्कर्म के एक मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विजय राजे सिसोदिया की कोर्ट में महज 21 दिन में सजा सुना दी गई। कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया। जुर्माने से आधी धनराशि पीडि़ता को बतौर क्षतिपूर्ति दी जाएगी। कानपुर का यह पहला मामला है, जिसमें आरोपपत्र तैयार होने के बाद तीन सप्ताह में सुनवाई पूरी कर सजा सुनाई गई है।
बिठूर के एक गांव में बुजुर्ग महिला अपनी तीन वर्षीय नातिन के साथ 27 जुलाई 2019 की शाम छह बजे जानवर चराने गई थी। जानवर कुछ दूर निकल गए तो वह हांकने के लिए गई। इसी बीच हुकुम राजपूत के खेत में बनी कोठरी में हुकुम का साला राधेश्याम राजपूत उनकी नातिन को उठा ले गया। नातिन की चीख सुनकर महिला दौड़ी तो नशे में धुत राधेश्याम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था। उन्हें देखकर वह भाग निकला। लहुलुहान अवस्था में नातिन को लेकर वह घर पहुंची और बेटी को पूरी बात बताई।
परिजन थाने गए और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसी रात 11:50 बजे राधेश्याम को मंधना चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बच्ची को मेडिकल के लिए भेजा जो रात 1:50 बजे पूरा हुआ। विवेचना सीओ अजय कुमार ने की। 17 सितंबर 2019 को सीओ ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। दूसरे दिन कोर्ट ने आरोप तय किए और 19 सितंबर को मामले में पहली सुनवाई हुई। 20 दिन में सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने राधेश्याम को दोषी करार दे दिया और 21वें दिन सजा सुना दी।
इनका ये है कहना
न्यायालय ने इस मामले में लगातार सुनवाई की। सभी 12 गवाह गुजारे गए और उनकी परीक्षा भी हुई। कानपुर का यह पहला मामला है, जिसमें सबसे तेज सुनवाई पूरी करते हुए महज 21 दिन में दोषी को सजा सुना दी गई।
-गंगा प्रसाद यादव, विशेष लोक अभियोजक
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि 12 वर्ष से कम बच्चियों के मामलों में दिन प्रतिदिन की सुनवाई की जाए। ऐसे दूसरे मामलों की सूची भी बनाई गई है। उन पर भी जल्द फैसला आएगा।
- दिलीप अवस्थी, डीजीसी क्रिमिनल
अभियुक्त को गिरफ्तार करने के बाद मजबूत साक्ष्य एकत्रित किए गए। डीएनए रिपोर्ट जल्द मंगाकर कोर्ट में दाखिल की गई। सभी गवाहों को भी नियत तारीख पर कोर्ट में पेश कर कड़ी पैरवी की गई।
- अजय कुमार, विवेचक एवं सीओ कल्याणपुर