शहर के मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल में बनेगा 25 बेड का आइसीयू
अस्पताल में अभी चार बेड का आइसीयू है। यहां आसपास के करीब बारह जिलों के गंभीर मरीज आते हैं।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। फेफड़े और श्वांस संबंधी बीमारियों से पीडि़त गंभीर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। आने वाले दिनों में मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल में इनटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) की सुविधा मिलेगी। अस्पताल प्रशासन ने 25 बेड के आइसीयू का प्रस्ताव प्राचार्य के माध्यम से शासन को भेजा है।
मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल में अभी चार बेड का आइसीयू है। यहां आसपास के 10-12 जिलों के गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में आइसीयू के लिए मारामारी रहती है। कई बार आइसीयू न मिलने पर गंभीर मरीज दम तोड़ देते हैं। इस समस्या को देखते हुए विभागाध्यक्ष ने कई बार आइसीयू की क्षमता बढ़ाने के लिए प्राचार्य को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी ने चेस्ट अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल की हकीकत से रूबरू हुईं। गंदगी एवं अव्यवस्था एवं मरीजों के हालात, खराब लिफ्ट एवं उखड़ी सीढिय़ां देखकर बोलीं, ऐसे हालात में मरीज एवं डॉक्टर कैसे रहते हैं। आइसीयू की दुर्दशा देखकर दंग रह गईं। उन्होंने टीबी एवं चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष से आइसीयू की क्षमता बढ़ाने के लिए तत्काल प्रस्ताव बनाकर देने के निर्देश दिए। विभागाध्यक्ष ने अस्पताल में 25 बेड के आइसीयू का प्रस्ताव बनाकर गुरुवार को प्राचार्य के माध्यम से शासन को भेजा है।
निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी ने चेस्ट अस्पताल के निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी देखी। इस पर ठेकेदार को सुधार के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि चेस्ट अस्पताल की स्थिति सबसे खराब है। इन हालातों में वहां कैसे श्वांस एवं फेफड़े के मरीजों का इलाज होता है। अस्पताल की स्थिति में जल्द से जल्द सुधार कराएंगे। फिलहाल 25 बेड के आइसीयू का प्रस्ताव तैयार कराकर शासन को भेजा है।