महंगी बैंकिंग के लिए तैयार रहें एसबीआइ के ग्राहक, सेवाओं पर लगेगा चार्ज
एसबीआइ मुख्य शाखा में वेल्थ हब के उद्घाटन में लखनऊ सर्किल की सीजीएम ने जानकारी दी। कहा, बैंक पर पड़ रहा अतिरिक्त बोझ।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 01:02 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 04:31 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के ग्राहक आने वाले दिनों में महंगी बैंकिंग सेवाओं के लिए तैयार रहें। एटीएम से पैसा निकालने, नई चेकबुक या एटीएम कार्ड के लिए खाताधारकों से चार्ज लिया जा सकता है। यह बातें एसबीआइ मुख्य शाखा में वेल्थ हब के उद्घाटन के दौरान लखनऊ सर्किल की सीजीएम सलोनी नारायण ने कही।
उन्होंने कहा कि ग्राहकों को सुविधाएं प्रदान करने में बैंकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। फिर भी ग्राहकों की जरूरी सेवाएं बंद नहीं की जा सकती हैं। न ही बैंक का किसी सेवा को बंद करने का इरादा है। हालांकि इन सेवाओं के लिए कुछ चार्ज लगाया जा सकता है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लेनदेन पर कितना चार्ज लिया जाएगा, यह बैंक का बोर्ड तय करेगा।
उन्होंने कहा कि एसबीआइ के 85 फीसदी लेनदेन डिजिटल हो रहे हैं। जिले में बैंक के लगभग दस लाख से अधिक ग्राहक हैं। सात साल पुराने एटीएम अपग्रेड किए जा रहे हैं। उनमें सुरक्षा मानक भी बढ़ाए जा रहे हैं। अधिकतर लेनदेन एटीएम से हो रहा है। इसलिए एटीएम बंद करने का बैंक का कोई इरादा नहीं है। एटीएम में ई-सर्विलांस सिस्टम लगाया गया है।
चेक क्लोनिंग बड़ी चुनौती
सीजीएम ने स्वीकारा कि चेक क्लोनिंग बड़ी समस्या है। यूपी में अधिक मामले सामने आते हैं। इसके लिए पुलिस के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। बताया कि शहर के बंद बैंक की तीन इनटच इंटरनेट बैकिंग शाखा को पर्सनल बैंकिंग ब्रांच में बदल दिया गया है। इनमें ग्राहकों को रिलेशनशिप बैकिंग सेवाएं दी जाएंगी। यह फुल मैकेनाइज्ड ब्रांचें थी, ये मेट्रो सिटी में सफल रही हैं। छोटे शहरों में ग्राहक बिना कर्मचारी के भरोसा नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि ग्राहकों को सुविधाएं प्रदान करने में बैंकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। फिर भी ग्राहकों की जरूरी सेवाएं बंद नहीं की जा सकती हैं। न ही बैंक का किसी सेवा को बंद करने का इरादा है। हालांकि इन सेवाओं के लिए कुछ चार्ज लगाया जा सकता है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लेनदेन पर कितना चार्ज लिया जाएगा, यह बैंक का बोर्ड तय करेगा।
उन्होंने कहा कि एसबीआइ के 85 फीसदी लेनदेन डिजिटल हो रहे हैं। जिले में बैंक के लगभग दस लाख से अधिक ग्राहक हैं। सात साल पुराने एटीएम अपग्रेड किए जा रहे हैं। उनमें सुरक्षा मानक भी बढ़ाए जा रहे हैं। अधिकतर लेनदेन एटीएम से हो रहा है। इसलिए एटीएम बंद करने का बैंक का कोई इरादा नहीं है। एटीएम में ई-सर्विलांस सिस्टम लगाया गया है।
चेक क्लोनिंग बड़ी चुनौती
सीजीएम ने स्वीकारा कि चेक क्लोनिंग बड़ी समस्या है। यूपी में अधिक मामले सामने आते हैं। इसके लिए पुलिस के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। बताया कि शहर के बंद बैंक की तीन इनटच इंटरनेट बैकिंग शाखा को पर्सनल बैंकिंग ब्रांच में बदल दिया गया है। इनमें ग्राहकों को रिलेशनशिप बैकिंग सेवाएं दी जाएंगी। यह फुल मैकेनाइज्ड ब्रांचें थी, ये मेट्रो सिटी में सफल रही हैं। छोटे शहरों में ग्राहक बिना कर्मचारी के भरोसा नहीं करता है।
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