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दर्दनाक है कानपुर के बागबां की कहानी, अपनों ने की बेरुखी तो पुलिस बनी सहारा

कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने चकेरी में वृद्ध दंपती के घर जाकर सहारा दिया तो रायपुरवा के वृद्ध और जाजमऊ की महिला ने भी पुलिस से गुहार लगाई। रायपुर के मामले पुलिस ने जांच शुरू की है तो जाजमऊ में महिला के बेटे-बहू को चेतावनी दी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 09:44 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 09:44 AM (IST)
दर्दनाक है कानपुर के बागबां की कहानी, अपनों ने की बेरुखी तो पुलिस बनी सहारा
कानपुर में वृद्ध जनों का सहारा बन रही है पुलिस।

कानपुर, जेएनएन। जिस घर को सजाने के लिए उन्होंने रात-दिन हाड़तोड़ मेहनत की, उसी में रहने वाले अपनों की बेरुखी के कारण अब बागबां दर-दर भटक रहे हैं। चकेरी में बेटे-बहू की यातना का शिकार हुए बुजुर्ग दंपती की तरह शहर में कई और वृद्ध भी अपनों की उपेक्षा और उत्पीडऩ का शिकार हो रहे हैं। सोमवार को दो और ऐसे ही मामले सामने आए।

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बहू ने निकाला तो मंदिर में ली शरण

रायपुरवा में तेजाब मिल कैंपस निवासी 64 वर्षीय शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2019 में उनके छोटे बेटे संदीप का निधन हो गया था। कुछ माह बाद बेटे के गम में उनकी पत्नी भी नहीं रहीं। पत्नी और बेटे के जाने के बाद वह अकेले हो गए। आरोप है कि इसके बाद बहू ने उनके बेटे के नाम वाले मकान को अपने नाम करा बेचने की कोशिश शुरू कर दी। वह मकान भले ही बेटे के नाम था, लेकिन उन्होंने अपनी कमाई से उसका निर्माण कराया था। कुछ माह पूर्व बहू ने मकान में किराये पर कुछ युवकों को रख दिया। उन्हें परेशान करने लगी और सात दिन पूर्व घर पर ताला लगाकर उन्हें बाहर निकाल दिया। विरोध पर पुलिस को फोन कर फर्जी मुकदमे में फंसाने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस से शिकायत भी की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। परेशान होकर शिवकुमार मंदिर में रह रहे हैं। अनवरगंज एसीपी मो. अकमल खान ने बताया कि मामला संपत्ति विवाद से संबंधित है। मकान उनके दिवंगत बेटे की पत्नी के नाम पर है। महिला को वृद्ध ससुर के साथ रहने पर आपत्ति है। मामले की जांच की जा रही है।

चौका बर्तन कर जिन बच्चों को पाला, उन्होंने किया बेघर

जाजमऊ सरैया निवासी 70 वर्षीय नूरजहां ने पुलिस को बताया कि उनके पति की 15 वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। इसके बाद से वह घरों में चौका-बर्तन करके तीन बेटों व एक बेटी का पालन-पोषण करती रहीं और उनका विवाह किया। एक-एक पाई जोड़कर खाते में 2.10 लाख रुपये भी जमा किए, ताकि बुढ़ापे में काम आ सकें। आरोप है कि वृद्ध होने पर बच्चों ने बुढ़ापे की लाठी बनने की जगह खाते में जमा रकम हड़प ली और बीती एक जुलाई को उन्हें घर से ही बाहर निकाल दिया। इसके चलते वह दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

दो दिन पूर्व चकेरी निवासी बुजुर्ग दंपती को उनके घर पहुंचाने की जानकारी पाकर सोमवार को वृद्धा ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। तब एसीपी कैंट ने उनके साथ जाकर बेटों और बहुओं को चेतावनी देकर उन्हें घर में रखवाया। एसीपी अशोक सिंह ने बताया कि वृद्धा को घर में जगह दिलाई गई है। साथ ही बहू और बेटों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है। भविष्य में शिकायत आने पर मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई होगी।

-वृद्धजनों की सुरक्षा और उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। जो भी शिकायतें आ रही हैं, उनमें जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। -असीम अरुण, पुलिस आयुक्त


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