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हैरान करने वाली है कानपुर की 'बाला', यहां अकेले 100 करोड़ का है कारोबारी टर्नओवर

भारत में बढ़ती मांग को देख बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने शहर में पैर जमाने शुरू कर दिए हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 02:41 PM (IST)
हैरान करने वाली है कानपुर की 'बाला', यहां अकेले 100 करोड़ का है कारोबारी टर्नओवर
हैरान करने वाली है कानपुर की 'बाला', यहां अकेले 100 करोड़ का है कारोबारी टर्नओवर

कानपुर, [आलोक राय]। आयुष्मान खुराना की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म बाला को देखने वाले बालों की अहमियत समझ गए हैं। शायद यही कारण है कि अच्छे लुक के लिए युवा अपने बालों पर खास ध्यान देते हैं और उनकी इस चाहत को पूरी करने के लिए शहर में कई नामी कंपनियों ने पांव जमा लिए हैं। आपको हैरानी होगी कि शहर में बालों से जुड़े कारोबार का अकेले सौ करोड़ का टर्न ओवर है। पछले 6-7 वर्षों के दौरान शहर के युवाओं में हेयर कलरिंग व हाइलाइटर का टे्रंड इस कदर से बढ़ा है कि वह 2000 से 8000 रुपये प्रति माह खर्च करने को तैयार है। आकर्षण का जरिया बन चुके हेयर कलङ्क्षरग के लिए सब कुछ दांव पर लगाते कानपुर के युवाओं पर प्रस्तुत है रिपोर्ट...

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हेयर कलरिंग का इतिहास है नायाब

बालों को रंगीन करने की कला से विश्व को सबसे पहले भारतीयों व मिस्र वासियों ने परिचित कराया। 5200 साल पहले अर्जुन की दोनों पत्नियां, द्रुपद निवासी द्रौपदी व पाताल लोक (आज का अमेरिका) निवासी उत्तापी, मेंहदी में विशेष प्रकार का रसायन मिलाकर बालों में रंग भरती थीं। इसी तरह मिस्र निवासी हिना नामक वनस्पति से अपने बालों को कलर करते थे।

100 करोड़ का टर्नओवर

कानपुर हेयर कलर एक्सपोर्टर एसोसिएशन के मुताबिक बालों को कलर व हाइलाइट करने वाले उत्पादों का शहर में टर्नओवर लगभग 100 करोड़ रुपये है। इसके लिए देशी-विदेशी कंपनियों में होड़ लगी हुई है। प्रमुख इलाकों के अलावा मॉल में कई नामचीन कंपनियों के सैलून खुल गए हैं और सारा दिन यहां पर युवाओं की भीड़ लगी रहती है। यहां पर ब्लैक,ब्राउन,पिंक,रेड,हनी,बरगंडी, गोल्डन,ब्लू,व सिल्वर हेयर कलरों की सबसे अधिक मांग रहती है।

पढ़ाई के साथ कमाई भी

हेयर कलरिंग के लिए यहां के युवा पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब भी कर रहे हैं। अंग्रेजी में पकड़ रखने वाले युवाओं को तो मैकडानल्ड व डोमियो पिजा आदि में आसानी से नौकरी मिल जाती है। बिग बाजार जैसे अन्य छोटे बड़े प्रतिष्ठानों में भी ये नौकरी कर रहे हैं।

पैरेंट्स का गुस्सा झेलकर भी नहीं रोक रहे कदम ...

युवा पॉकिट मनी की सीमा भी लांघ रहे हैं। इससे उन्हें अभिभावकों के गुस्सा झेलना पड़ता है। बावजूद इसके दोस्तों से उधार लेकर वे पैरेंट्स को टेंशन दे रहे हैं।

बदल रही गुड लुकिंग की परिभाषा

काकादेव निवासी पूजा पेशे से मॉडल हैं। वे मंहगा उप्ताद प्रयोग करती हैं इसके लिए वे 3000 रुपये तक खर्च करने को तैयार हैं। पूजा बताती हैं कि अब गुड लुकिंग के संदर्भ में फैशन की परिभाषा बदल रही है।

वर्किंग प्लेस में रहता है खुशनुमा माहौल

करुणा क्षत्रिय आईटी प्रफेशनल हैं। वे कहती हैं कि रंगीन बालों से मैं अंदर से खुशी महसूस करती हूं। ऑफिस में सबके आकर्षण का केन्द्र होने से मेरे कलीग्स व बॉस का रवैया मेरे प्रति पॉजिटिव रहता है।

दिखना चाहती हूं हमेशा यंग

इंदू प्रधान की उम्र 25 वर्ष है। वह बैंकिंग के प्रोफेशन से जुड़ी हैं। कहती हैं कि मेरे बाल मेरी पर्सेनालिटि को बनाते हैं। इसलिए इन्हें खूबसूरत व कलरफुल रखती हूं जिससे हमेशा यंग दिखूं।

बढ़ता है आत्मविश्वास, मिलता है सम्मान

रश्मि पांडेय निजी स्कूल में टीचर हैं। उनका कहना है कि निजी संस्थानों में टैलेन्ट के साथ ब्यूटी को भी तरजीह दी जाती है। महिलाओं के लिए यह अधिक प्रासंगिक हो जाता है। इसलिए खुद को ब्यूटिफुल दिखने के लिए मैं अपने बालों को प्रत्येक छह माह में कलर कराती हूं।

फैशन से प्रेरित होकर बनाया पेशा

क्रिस्टीन चाऊ ब्यूटी पार्लर संचालिका हैं। वे कहती हैं कि मैं बालों को खूबसूरत बनाने का न सिर्फ पेशा करती हूं बल्कि इसे मैंने अपना फैशन भी बना लिया है। बालों को रंगीन करने के जुनून ने ही मुझे इस पेशे में उतरने के लिए प्रेरित किया।

स्वयं को संतुष्ट रखना है मकसद

एकता पांडे मॉडलिंग करती हैं। कहती हैं कि अगर मैं अपने बालों को रंगों से न भरूं तो लगता है कुछ छूट गया है। मेरा पेशा बहुत कुछ मेरे लुक व पर्सेनालिटि पर निर्भर करता है । वे सेल्फ रिलेक्सेशन, सेल्फ कांफिडेन्स व सेल्फ सैटिसेफैक्शन के लिए बालों को रंगों से भरती हैं।

बनना चाहते हैं बॉलीवुड स्टार

ग्याबू16 साल के हैं। वह काकादेव स्थित एक कोठी में घरेलू नौैकर हैं। नेपाल निवासी ग्याबू बॉलीवुड स्टार बनना चाहते हैं। उनका कहना है कि मेरे खूबसूरत बाल ही मेरे लिए सब कुछ हैं। मालिक द्वारा ग्याबू को जितना मिलता है उसका एक हिस्सा वे हेयर कलरिंग पर खर्च कर देते हैं।

शानू की उम्र 15 वर्ष है। पेशे से शानू गैराज मैकेनिक हैं। वे कड़ी मेहनत करके बॉलीवुड में किस्मत आजमाना चाहते हैं। इसी तरह पंकज भी निजी गैराज में मैकेनिक हैं और बालों को खूबसूरत रखते हैं। 


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