कानपुर में आरटीओ की लापरवाही से बढ़ रहा प्रदूषण, आयु पूरी कर चुके 1.69 वाहन सड़कों पर भर रहे फर्राटा
कानपुर में आरटीओ की लापरवाही से 1.69 लाख वाहन सड़्कों पर चल रहे है। जिनका आयु पूरी हो चुकी है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के साथ ही प्रदूषण भी बढ़ रहा है। वहीं स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए आनलाइन आवेदन मांगे गए है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर में चल रहे 1.69 लाख वाहन अपनी आयु पूरी करने के बाद कबाड़ की श्रेणी में आ चुके हैं। इनमें निजी वाहन 1.62 लाख तो व्यावसायिक वाहन 6294 है। इनके संचालन पर रोक नहीं लगाई जा रही है। आयु पूरी कर चुके इन वाहनों के पंजीयन का नवीनीकरण न होने पर सड़क पर चलने की अनुमति नहीं है।
वहीं परिवहन विभाग का दावा है कि वाहनों की जांच की जा रही हैं, उनके चालान भी किए जा रहे हैं।
पुराने वाहनों को सड़क पर चलने से रोकने तथा प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने स्क्रैप पालिसी शुरू की है। इसके तहत 15 वर्ष पुराने कामर्शियल वाहनों तथा 20 वर्ष पुराने निजी वाहनों कबाड़ माना जाएगा। उनको स्क्रैप सेंटर भेजा जाएगा। इसके लिए स्क्रैप सेंटर खोलने की प्रक्रिया भी चल रही है। शहर में हलके, माध्यम तथा भारी वाहनों के लिए अलग-अलग स्क्रैप सेंटर खोले जाएंगे। फिलहाल अभी इसके आनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। स्क्रैप सेंटर खुलने में अभी समय लगेगा।
आरटीओ अधिकारियों का कहना है स्क्रैप पालिसी के तहत वाहनों के लिए अभी परिवहन मुख्यालय से कोई निर्देश नहीं आए हैं। आयु पूरी कर चुके वाहन अगर फिटनेस टेस्ट में सफल हो जाते है तो उनकी आरसी का नवीनीकरण किया जाता है। जिन वाहनों का आरसी पंजीयन समाप्त हो चुका है, उनपर कार्रवाई हो रही है। वाहन मालिकों के पास अपने वाहन के पंजीयन का नवीनीकरण कराने तथा स्क्रैप में भेजने के दोनों विकल्प हैं।
पुराने वाहनों पर पांच हजार जुर्माना-
एआरटीओ प्रवर्तन सुनील दत्त बताते हैं कि आयु पूरी करने के बाद भी बिना आरसी नवीनीकरण के सड़क पर चल रहे पुराने वाहनों पर नियमित कार्रवाई की जाती है। ऐसे वाहनों पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है। इस माह अभी तक 57 वाहनों पर कार्रवाई की गई है।
जिम्मेदार बोले- आयु पूरी कर चुके वाहनों को सड़क पर संचालन की अनुमति नहीं है। वाहनों की आरसी का नवीनीकरण न होने पर आरटीओ अधिकारियों को नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। -डा.विजय कुमार, उप परिवहन आयुक्त
शहर में 20 वर्ष पुराने निजी वाहनों की संख्या-162807
मोटर साइकिल-स्कूटर- 126301
मोटर साइकिल स्कूटर (साइड कार)-28
मोपेड-11636
मोटर कार-24378
एग्रीकल्चरल ट्रैक्टर-462
शहर में 15 वर्ष पुराने कामर्शियल वाहनों की संख्या-6294
थ्री व्हीलर (पैसेंजर)- 299
थ्री व्हीलर (गुड्स)-629
गुड्स कैरियर- 4926
ट्रैक्टर- 89
मैक्सी कैब- 18
मोटर कैब- 53
बस- 178
एंबुलेंस- 60
फायर फाइटिंग व्हीकल-8
आर्टिक्यूलेटेड व्हीकल-5
ओमनी बस- 19
डंपर- 1
एक्सकेवेटर-1
ट्रैलर-8
निजी वाहनों का 15 वर्ष बाद फिटनेस टेस्ट- पेट्रोल के चलने वाले निजी वाहनों का 15 वर्ष पूरे करने के बाद फिटनेस टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट में सफल होने पर उनकी आरसी का पांच वर्ष के लिए नवीनीकरण कर किया जाएगा।
स्क्रैप सेंटर खोलने के यह हैं मानक- हलके वाहनों का स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए एक एकड़ जमीन, मध्यम वाहनों के लिए 2.50 एकड़ जमीन, भारी वाहनों के लिए तीन एकड़ जमीन होना जरूरी है। मैकेनिकल इंजीनियर, कंप्यूटर में दक्ष पांच लोगों की टीम, जिलाधिकारी द्वारा प्रमाणित चरित्र प्रमाण पत्र भी होना चाहिए।
स्क्रैप प्रमाण पत्र से नया वाहन खरीदने पर छूट- आयु पूरी कर चुके वाहन को स्क्रैप सेंटर में देने पर प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इस प्रमाणपत्र को दिखाकर नया वाहन खरीदने पर 15 से 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यह छूट सरकार प्रदान करेगी। पुराने वाहन को स्क्रैप कराने के बाद अगर दो वर्ष के अंदर नया वाहन नहीं खरीदा तो छूट खत्म हो जाएगी।