अब बिजली न होने पर भी ताजी बनी रहेंगी सब्जियां और अनाज
एचबीटीयू के चार छात्रों ने तैयार किया सोलर कोल्ड स्टोरेज डेढ़ लाख रुपये में दस मीटर क्षेत्रफल में किया जा सकेगा तैयार।
कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा[। सूरज की तीव्र ऊर्जा अब फलों और सब्जियों के लिए जीवनदाता सिद्ध होगी। स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत एचबीटीयू के चार छात्रों ने ऐसा सोलर कोल्ड स्टोरेज तैयार किया है जो फल-सब्जी और अनाज को एकदम ताजा रखेगा। हाल ही में करार के बाद इस तकनीक को एक निजी कंपनी के हाथ सौंप दिया गया है, ताकि इसे जल्द से जल्द आम आदमी तक पहुंचाया जा सके।
खास बात ये है कि सौर ऊर्जा से संचालित एक टन क्षमता के इस कोल्ड स्टोरेज को महज दस मीटर क्षेत्रफल में तैयार किया जा सकता है। इसकी लागत तकरीबन डेढ़ लाख रुपये आएगी। खास तौर से यह उन इलाकों में उपयोगी साबित होगा जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है या फिर बहुत ही कम आपूर्ति होती है। इस तकनीक को विकसित करने में छात्रों का नेतृत्व करने वाले एचबीटीयू के ऑयल टेक्नालॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरके त्रिवेदी ने बताया कि इसमें किसान आलू, टमाटर जैसी सब्जियों के अलावा अनाज, फल और फूलों को भी ताजा रख सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से तीन से पांच टन का सोलर कोल्ड स्टोरेज भी बनाया जा सकता है। इसकी कीमत तीन से पांच लाख होगी। इसे स्थापित करने के लिए 50 मीटर क्षेत्रफल की आवश्यकता होगी।
ऐसे करता है काम
प्रो. त्रिवेदी के मुताबिक सोलर कोल्ड स्टोरेज में लगाए गए पैनल दिन में सौर ऊर्जा संग्रहीत करते हैं। इनसे जो बिजली उत्पन्न होती है वह कूलिंग व रेफ्रिजरेशन के काम आती हैं, इससे रात में भी यह पूरी क्षमता के साथ काम करता है।
खास बातें
-कोल्ड स्टोरेज की कमी से देशभर में प्रतिवर्ष 30 से 35 फीसद सब्जियां व फल सड़ जाते हैं
-देहात क्षेत्रों में इसकी सर्वाधिक जरूरत है जहां कई टन आलू, प्याज व टमाटर समेत खाद्यान्न सड़ता है।
- हर वर्ष खराब होने वाले खाद्यान्न, फल व सब्जियों से 20 करोड़ लोगों का पेट भरा जा सकता है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप