सीजेरियन प्रसव को न दें प्राथमिकता, पैरों की नसें फूलने से खराब हो रहे वाल्व Kanpur News
कार्डियोलॉजी में पांच वर्ष तक हुए अध्ययन के बाद सच आया सामने काफी देर तक खड़े रहने वालों को भी समस्या।
By Edited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 09:27 AM (IST)
कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। प्रसव पीड़ा से बचने के लिए सीजेरियन प्रसव को प्राथमिकता देना वेरीकोज वेन्स (पैरों के नसों के गुच्छे बनना) के दुष्प्रभाव के रूप में सामने आ रहा है। इसमें पैर की नसों के वाल्व में खराबी आती है। नसें सूजने से गुच्छे जैसे बनने लगते हैं। इसका पता लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) में पांच वर्षो तक हुए अध्ययन में चला है। कुछ वर्षो से महिलाओं में वेरीकोज वेन्स की समस्या तेजी से बढऩे पर हृदय रोग संस्थान के कार्डियक वेस्कुलर एवं थेरोसिक सर्जरी (सीवीटीएस) के विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश वर्मा आश्चर्य में पड़ गए।
तेजी से यह समस्या बढऩे की वजह जानने के लिए जनवरी 2015 को अध्ययन शुरू हुआ। वेरीकोज वेन्स की समस्या लेकर आए 3162 मरीजों में से 218 आपरेशन के लिए चिह्नित किए गए। इनमें 126 महिलाएं और 92 पुरुष थे। 35 वर्ष से ऊपर की महिलाएं अधिक थीं। दो तिहाई यानी 84 महिलाएं सीजेरियन प्रसव कराने वाली थीं। उनकी उम्र 35 वर्ष से अधिक थी। इसी तरह एक तिहाई यानी 42 महिलाएं 35 वर्ष से कम उम्र की थीं। उनका भी सीजेरियन प्रसव हुआ था। बच्चेदानी में रहता है हाई प्रेशर बच्चेदानी में ब्लड का हाई प्रेशर रहता है। सीजेरियन प्रसव के लिए चीरा लगाकर पेट फैलाने से पैर में रक्त आपूर्ति की मुख्य नस सेफलस वेन पर दबाव पड़ता है और नसों को जोडऩे वाले सेफलस फ्यूमोरल जंक्शन का वाल्व लीक कर जाता है। ऐसे में पैर की तरफ से हृदय की ओर रक्त आपूर्ति नहीं होती है जिससे नसें फूलने लगती हैं और नसों के वाल्व खराब हो जाते हैं।
लेजर तकनीक से सर्जरी
वेरीकोज वेन्स यानी नसों के गुच्छे को लेजर तकनीक से जलाया जाता है। उसके बाद सेफलस फ्यूमोरल जंक्शन की वेन को कस दिया जाता है। इन्हें भी समस्या लंबे समय से खड़े होकर काम करने वालों में ट्रैफिक पुलिस, पुलिसकर्मी, किसान, मजदूर एवं सर्जन भी पैर की नसों में सूजन की समस्या से जूझ रहे हैं।
इतने लोगों में मिली परेशानी
-218 महिला-पुरुष के हुए आपरेशन
-126 महिलाएं 92 पुरुष
-136 महिला-पुरुष जिनके दोनों पैरों में थी दिक्कत
क्या बोले चिकित्सक
अध्ययन में पाया कि सीजेरियन प्रसव की वजह से महिलाओं के पैरों की नसों के वाल्व खराब हो जाते हैं। उनके पैरों की नसें सूज जाती हैं। इस शोध पत्र को राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुत कर चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय जनरल में भी प्रकाशन के लिए भेजा है।
- प्रो. राकेश वर्मा, विभागाध्यक्ष, सीवीटीएस, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान।
तेजी से यह समस्या बढऩे की वजह जानने के लिए जनवरी 2015 को अध्ययन शुरू हुआ। वेरीकोज वेन्स की समस्या लेकर आए 3162 मरीजों में से 218 आपरेशन के लिए चिह्नित किए गए। इनमें 126 महिलाएं और 92 पुरुष थे। 35 वर्ष से ऊपर की महिलाएं अधिक थीं। दो तिहाई यानी 84 महिलाएं सीजेरियन प्रसव कराने वाली थीं। उनकी उम्र 35 वर्ष से अधिक थी। इसी तरह एक तिहाई यानी 42 महिलाएं 35 वर्ष से कम उम्र की थीं। उनका भी सीजेरियन प्रसव हुआ था। बच्चेदानी में रहता है हाई प्रेशर बच्चेदानी में ब्लड का हाई प्रेशर रहता है। सीजेरियन प्रसव के लिए चीरा लगाकर पेट फैलाने से पैर में रक्त आपूर्ति की मुख्य नस सेफलस वेन पर दबाव पड़ता है और नसों को जोडऩे वाले सेफलस फ्यूमोरल जंक्शन का वाल्व लीक कर जाता है। ऐसे में पैर की तरफ से हृदय की ओर रक्त आपूर्ति नहीं होती है जिससे नसें फूलने लगती हैं और नसों के वाल्व खराब हो जाते हैं।
लेजर तकनीक से सर्जरी
वेरीकोज वेन्स यानी नसों के गुच्छे को लेजर तकनीक से जलाया जाता है। उसके बाद सेफलस फ्यूमोरल जंक्शन की वेन को कस दिया जाता है। इन्हें भी समस्या लंबे समय से खड़े होकर काम करने वालों में ट्रैफिक पुलिस, पुलिसकर्मी, किसान, मजदूर एवं सर्जन भी पैर की नसों में सूजन की समस्या से जूझ रहे हैं।
इतने लोगों में मिली परेशानी
-218 महिला-पुरुष के हुए आपरेशन
-126 महिलाएं 92 पुरुष
-136 महिला-पुरुष जिनके दोनों पैरों में थी दिक्कत
क्या बोले चिकित्सक
अध्ययन में पाया कि सीजेरियन प्रसव की वजह से महिलाओं के पैरों की नसों के वाल्व खराब हो जाते हैं। उनके पैरों की नसें सूज जाती हैं। इस शोध पत्र को राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुत कर चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय जनरल में भी प्रकाशन के लिए भेजा है।
- प्रो. राकेश वर्मा, विभागाध्यक्ष, सीवीटीएस, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान।
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