UP Minister Kamal Rani Death: भाजपा में समर्पित नेता थीं कमलरानी, नेताओं ने व्यक्त की शोक संवेदना
Kamal Rani Verma Death News कानपुर नगर की घाटमपुर सीट से विधायक चुनी गईं कमलरानी वरुण के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 01:00 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 01:00 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। प्रदेश सरकार में प्रावधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद लखनऊ पीजीआई अस्पताल में भर्ती रहीं कमलरानी वरुण की मौत के बाद पार्थिव देह का कानपुर में अंतिम संस्कार करने को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। नेताओं, मंत्रियों और विधायकों ने शोक संवेदना व्यक्त की है।
- वह मुझे बड़ी बहन की तरह मानतीं थी, वो हमारे हर सुख दुख में साथ रहीं थीं। 1995 में हम साथ में ही पार्षद चुनकर सदन में पहुंचे थे, वह बहुत सहनशील और धैर्यवान थीं। उनके निधन से निश्चति ही पार्टी को अपूर्णीय क्षति हुई है। -प्रमिला पांडेय, महापौर
- कमल रानी बहुत ही सौम्य और समर्पित नेता थीं। अपने विभाग के कार्यों में भी बहुत मेहनत करती थीं। निधन से उनके क्षेत्र और कानपुर ने एक बड़ा नेता खो दिया है। -सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार।
- मैंने अपने बचपन से उनको देखा और उन्हें देखकर ही सीख रही थी। वह बहुत ही मृदुभाषी और सौम्य स्वभाव की थीं, जो राजनीति में उनका बहुत बड़ा गुण था। उनके निधन से पार्टी को निश्चित ही अपूर्णीय क्षति हुई है। - नीलिमा कटियार, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार।
- हमने सेवा भारती में उनके साथ कार्य किया था। बाद में जब दोनों ही सक्रिय राजनीति में आ गए तो सेवा भारती से हटना पड़ा। उनका निधन बड़ी क्षति दे गया है। -पूनम कपूर, सदस्य, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग।
- कमलरानी बहुत पार्टी की वरिष्ठ नेता थीं, उनके निधन की दुखद सूचना ने हम सभी को स्तब्ध कर दिया है। उनका निवास हमारी विधानसभा क्षेत्र में है और पार्टी में वरिष्ठ होने के नाते वो हमारा अक्सर मार्गदर्शन करती थीं। उन्होंने कानपुर के लिए बहुत सेवा की है, उनका निधन कानपुर ही नहीं उत्तर प्रदेश के लिए भी बड़ी क्षति है। -सुरेंद्र मैथानी, भाजपा विधायक
- कमल रानी मृदुभाषी थीं, उन्होंने सदैव समाज की बेहतरी के लिए काम किया। पक्ष का हो या विपक्ष का नेता या कार्यकर्ता वह सबकी बात सुनती थीं। उनका निधन हम सबके लिए बड़ी क्षति है। -चौधरी सुखराम सिंह यादव, राज्यसभा सदस्य।
- कमल रानी वरुण के निधन से हमने एक बड़ा जननेता खो दिया है। विकास उनकी प्राथमिकता में था। उनके निधन से हुए रिक्त स्थान की पूर्ति नहीं हो सकेगी। -पुष्पा कटियार, जिला पंचायत अध्यक्ष।
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