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UP Coronavirus Cases Update: घायल किसान की रिपोर्ट पॉजिटिव देख भर्ती करने से डॉक्टरों का इंकार, कानपुर से फतेहपुर तक भटकते रहे स्वजन

Uttar Pradesh COVID19 Cases News Update चिल्ला कस्बा निवासी किसान स्टेट हाईवे पर किसी वाहन की टक्कर से गंभीर रूप से घायल हो गया। देर रात तक घर न लौटने पर स्वजन ढूंढऩे गए तो देशराज को घायल पड़े देख पुलिस को सूचना दी और जिला अस्पताल ले गए।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 07:51 PM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 07:51 PM (IST)
UP Coronavirus Cases Update: घायल किसान की रिपोर्ट पॉजिटिव देख भर्ती करने से डॉक्टरों का इंकार, कानपुर से फतेहपुर तक भटकते रहे स्वजन
कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में नहीं दी गई जगह।

बांदा, जेएनएन। Uttar Pradesh COVID19 Cases News Update देश भर में फैले कोरोना संक्रमण के बीच लोग अस्पताल, बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए जद्​दोजहद करते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा वे अपेक्षा करते हैं कि स्वास्थ्यकर्मी उनके साथ मानवीयतापूर्ण रवैया अपनाएं, लेकिन बांदा जिले से आई एक खबर ने बुधवार को खलबली मचा कर रख दी। दरअसल, यहां हादसे में घायल एक किसान को कानपुर से फतेहपुर तक के अस्पतालों में महज इसलिए भर्ती नहीं किया गया क्योंकि उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव थी। दो जिलों के कई अस्पतालों में रात भर चक्कर काटने के बाद हताश स्वजन घायल को लेकर घर लौट आए और झोपड़ी के बाहर ही चारपाई पर लिटाकर उसकी हालत बिगड़ती देखने को मजबूर हैैं। स्वजन ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर गुहार लगाई है।

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ये है पूरा मामला: चिल्ला कस्बा निवासी किसान सोमवार रात खेत (सब्जी की बाड़ी) से घर लौट रहा था। स्टेट हाईवे पर किसी वाहन की टक्कर से गंभीर रूप से घायल हो गया। देर रात तक घर न लौटने पर स्वजन ढूंढऩे गए तो देशराज को घायल पड़े देख पुलिस को सूचना दी और जिला अस्पताल ले गए, वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में कोरोना की जांच में देशराज पॉजिटिव निकला तो चिकित्सकों ने उसे सीधे कानपुर रेफर कर दिया।

भटकने के बाद घर ले गए स्वजन: किसान के बेटे ने बताया कि कानपुर में आधा दर्जन अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे। सभी ने कोरोना संक्रमित रिपोर्ट देखकर भर्ती करने से इन्कार कर दिया। किसी ने फतेहपुर के अस्पताल ले जाने की सलाह दी लेकिन वहां भी भर्ती नहीं किया गया। बांदा आकर एक क्षेत्रीय नेता से व्यथा बताई तो उनके कहने पर मेडिकल कॉलेज में कुछ देर रखा गया। एक इंजेक्शन देने के बाद आधे घंटे में घर ले जाने को कह दिया गया तो घर लाना पड़ा।

आर्थिक हालात हैं बेहद खराब: पड़ोसी बताते हैं कि किसान के पास आधा बीघा से भी कम जमीन है। उसने बटाई पर जमीन लेकर सब्जी की बाड़ी लगाई है। उसी से परिवार का भरण-पोषण होता है।


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