विटामिन सी का सेवन करें, वायरल इंफेक्शन से बचें
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरी ने दीं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी। पेश हैं बातचीत के अंश
जेएनएन, कानपुर : बारिश के मौसम को बीमारियों का भी मौसम कहा जाता है। इसमें संक्रामक रोग तेजी से फैलते हैं। विटामिन सी का भरपूर मात्रा में सेवन कर वायरल इंफेक्शन से बच सकते हैं। यह बातें बुधवार को पाठकों के सवालों के जवाब में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरी ने कहीं। पेश हैं बातचीत के अंश :
सवाल : बारिश में बुखार व गले में खरास है। कीड़ों के काटने से लाल चकत्तों से पानी निकल रहा हैं। राम प्रकाश, अमेजिंग सिक्योरिटी।
जवाब : वायरल इंफेक्शन की वजह से ऐसा होता है। अगर कीड़े के काटने से लाल चकत्ते पड़ रहे हैं तो नारियल का तेल या एंटी सेप्टिक क्रीम लगा सकते हैं। अगर दानों से पानी निकल रहा है तो चर्म रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
सवाल : बारिश में पीलिया अधिक होता है, इसके लक्षण एवं बचाव बताएं। जय प्रकाश तिवारी, अटवा, मझावन।
जवाब : भूख न लगना, बुखार आना, उल्टियां और पेट में जलन हो सकती है। विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाकर लिवर फंक्शन, साथ में हेपेटाइटिस बी और सी की जांच कराएं। इसमें लिवर एकदम से खराब होता है। इसलिए इलाज में लापरवाही न बरतें।
सवाल : डायरिया कैसे होता है और इसके बचाव। करुण तिवारी, बर्रा-1
जवाब : खानपान में लापरवाही और अशुद्ध पानी के सेवन से होता है। बारिश के मौसम में बासी खाना, बाहर के कटे फल, सड़कों पर खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थो का सेवन न करें।
सवाल : घर में बच्चे का टांसिल बढ़ा है। खांसी के साथ बुखार भी है। विकास वर्मा, महेश्वरी मोहाल।
जवाब : यह बैक्टीरियल इंफेक्शन है। बच्चे को नाक, कान एवं गला रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
सवाल : पहले बुखार हुआ, अब कमजोरी, पेट साफ नहीं होता है। पेट में हल्का दर्द भी रहता है। दीपा सक्सेना, गुमटी।
जवाब : अपने खानपान की आदत बदलें। घी, तेल-मसाला अधिक न लें। नाश्ते में दलिया का सेवन कर सकती हैं। इसके साथ ही हरी सब्जियों, मौसमी फल का नियमित सेवन करें।
सवाल : दो-तीन महीने से नाश्ते के बाद दस्त होते हैं। एचसी जैन, कल्याणपुर।
जवाब : गैसेटाइटिस की समस्या है। ज्यादा देर तक खाली पेट न रहें। थोड़ा-थोड़ा खाना निश्चित अंतराल पर खाते रहें।
सवाल : वायरल इंफेक्शन से घर के दूसरे सदस्यों को भी इंफेक्शन हो रहा है। दिनेश कुमार, गुमटी।
जवाब : आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी तो इंफेक्शन नहीं होगा। वायरल में ब्लड प्रेशर लो होने से उल्टी-दस्त भी होते हैं। इसकी वजह से शरीर में पानी की कमी होना है। विशेषज्ञ से सलाह लें।
सवाल : डेंगू के बारे में विस्तार से बताएं। एसजी श्रीवास्तव, दबौली वेस्ट।
जवाब : डेंगू बुखार मच्छर के काटने से होता है। इसका मच्छर साफ पानी में पनपता है। मच्छर काटने के चार से सात दिन के अंदर लक्षण आते हैं। तेज बुखार, सिर दर्द और शरीर में लाल चकत्ते निकल आते हैं। यह प्लेटलेट्स कम होने का संकेत है। लक्षण दिखें तो विशेषज्ञ से संपर्क करें।
सवाल : बारिश में फंगल इंफेक्शन बहुत हो रहा है, कोई दवा बताएं। शादाब, श्याम नगर।
जवाब : बगैर देखे दवाएं नहीं बताई जा सकती हैं। आप एलएलआर की चर्म रोग की ओपीडी में चिकित्सक से परामर्श लें। जीएसवीएम में हेमोटोलाजिस्ट विभाग बनवाएं
बिठूर निवासी संजय क्लाओडियस का सुझाव है कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हेमेटोलाजी विभाग नहीं है। इलाज के लिए लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) जाना पड़ता है। इस पर विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरी का कहना है कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बनने वाले सुपर स्पेशियलिटी विंग में विभाग बनना प्रस्तावित है। जागरण के पांच सवाल
बारिश में बढ़ जाती बीमारियां
बारिश के मौसम में नमी बढ़ने से वायरस व बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। इसकी वजह से डायरिया, हेपेटाइटिस, गैस्ट्रोइंटाइटिस, वायरल बुखार और निमोनिया के केस बढ़ जाते हैं। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी, पूरी बांह के कपड़े, मच्छर मारने वाली क्रीम या लिक्विड का इस्तेमाल करें।
वायरल में इको एस्प्रिन का सेवन कर दें बंद
डायबिटीज और हाइपर टेंशन के मरीजों को यदि वायरल बुखार हो रहा है। अगर वह इको एस्प्रिन या एस्प्रिन का सेवन कर रहे हैं। बुखार के दौरान इन दवाओं का सेवन बंद कर दें।
डायरिया के मरीज बरतें एहतियात
शुद्ध पानी न मिलने से डायरिया फैल रहा है। अगर किसी को लगातार उल्टी-दस्त होते हैं। तो वह पानी उबालकर उसे ठंडा कर ही पीएं। गन्ने का रस या और कोई जूस का सेवन न करें। बाजार की बर्फ या आइसक्रीम भी खाएं।
वायरल इंफेक्शन में एंटीबायोटिक भी घातक
वायरल इंफेक्शन वायरस से होता है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक वायरल इंफेक्शन में एंटीबायोटिक न चलाएं। कई ऐसी एंटीबायोटिक हैं, जो प्लेटलेट्स काउंट को कम करती हैं।
खांसी-जुकाम को हल्के में न लें
बारिश में वायरल इंफेक्शन की वजह से निमोनिया के चांस बढ़ जाते हैं। जिन्हें श्वांस संबंधी बीमारी है, वह विशेष एहतियात बरतें। विशेषज्ञ से ही सलाह लें।