बेधड़क इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करें, बस जरा सावधानी से
जागरण संवाददाता कानपुर बैंक खाते ऑपरेट करने से लेकर टैक्स व बिल जमा करने की प्रक्रिया ध्
जागरण संवाददाता, कानपुर : बैंक खाते ऑपरेट करने से लेकर टैक्स व बिल जमा करने की प्रक्रिया धीरे-धीरे ऑनलाइन होती जा रही है। इसके लिए पोर्टल व एप बनाए जा रहे हैं जो ग्राहकों का काम आसान कर रहे हैं। आधुनिक सुविधाएं होने के बाद भी कई लोग इसका लाभ उठाने से डरते हैं। कारण हैकिंग, साइबर अटैक व डाटा चोरी करने का मंडराता खतरा।
दैनिक जागरण विमर्श में 'साइबर, ठगी, कारण व बचाव के उपाय' विषय पर आए अतिथि हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग के वरिष्ठ प्रो. नरेंद्र कोहली ने बताया कि बेधड़क इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग किया जा सकता है। जरूरत है तो बस जरा सावधान रहने की। यह सच है कि साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए साइबर एक्सपर्ट व वैज्ञानिक ऐसे एंटीवायरस व सॉफ्टवेयर विकसित कर रहे हैं जिनसे इनकी काट की जा सके। ऑनलाइन ठगी करने वालों की नजर आपके एटीएम से लेकर बैंक अकाउंट पर होती है। आपको फोन करके वह इसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। उसके बाद डाटा हैक, डाटा डिलीट व डाटा ट्रांसफर करना उनके लिए आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल सेवाएं तो शुरू कर दी गई हैं लेकिन अभी प्रबंधन की कमी है। ऑनलाइन बुकिंग, टिकट, ट्रांसफर व लेनदेन संबंधित काम के लिए हमेशा सरकारी वेबसाइट व एप का प्रयोग करें। ऑनलाइन सभी काम करने के लिए जो एप व वेबसाइट हैं उनकी जानकारी व नियम पढ़ने के बाद ही आगे कदम बढ़ाएं।
खास बातें :
-फोन पर अपने एटीएम व बैंक अकाउंट की जानकारी न दें
-पासवर्ड, बैंक अकाउंट व डाटा मोबाइल पर मत रखें
-याद रखने के लिए नोट बुक में ही ऑनलाइन संबंधित जानकारी लिखें
-सरकार ने अवेयरनेस वेबसाइट बनाई है जिससे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं