शिशु को स्तनपान करा सकती है कोरोना संक्रमित मां, अमेरिका की रिसर्च में मिला वायरस फ्री दूध
मां का दूध पीने वाले शिशु का कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। अमेरिका में हुई रिसर्च मां के दूध में एंटीबाडी और वायरस निष्क्रिय मिला है। रिपोर्ट के आधार पर इंडियन मेडिकल माइक्रोबायोलाजी एसोसिएशन ने माताओं को मास्क लगाकर दूध पिलाने का सुझाव दिया है।
कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। कोरोना वायरस से संक्रमित माताएं भी शिशुओं को स्तनपान करा सकती हैं। बस मास्क आदि जरूरी हिदायतों को अपनाने की आवश्यकता है। मां के दूध में मौजूद एंटीबाडी कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर देती है। यह बात अमेरिका की यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया में हुए शोध के बाद सामने आई है। इस शोध को प्रतिष्ठित आनलाइन मेडिकल जर्नल नेचर ने प्रकाशित किया है। शोध में आए परिणामों के बाद दुनिया में मां के दूध को लेकर एक नई सोच पैदा हुई है। इंडियन मेडिकल माइक्रोबायोलाजी एसोसिएशन ने भी सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद सुझाव दिया है कि माताएं अच्छी तरह से मास्क लगाकर शिशुओं को दूध पिला सकती हैं।
110 संक्रमित महिलाओं के दूध पर हुआ रिसर्च : यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया में स्तनपान कराने वाली कोरोना संक्रमित 110 महिलाओं के दूध पर रिसर्च किया गया। उनके दूध के सैंपल की आरटीपीसीआर जांच कराई गई, जिसमें 65 संक्रमित महिलाओं के दूध में कोरोना वायरस पाया गया। उन सभी के दूध का सैंपल लेकर कल्चर जांच कराई गई। जांच के दौरान लैब में दूध में मिले कोरोना वायरस को ग्रो (बढ़ाया) का प्रयास किया गया लेकिन दूध में मिला कोरोना वायरस निष्क्रिय हो गया था, उसमें दूसरों को संक्रमित करने की क्षमता नहीं थी। यह स्पष्ट करता है कि मां के दूध की एंटीबाडी ने वायरस को निष्क्रिय कर दिया।
-अमेरिका में हुई रिसर्च में संक्रमित महिलाओं के दूध की एंटीबाडी से कोरोना वायरस निष्क्रिय हो रहा है। इसलिए शिशु के लिए संक्रमित मां का दूध सुरक्षित है। इसलिए यह सुझाव है कि संक्रमित महिलाएं अच्छी तरह से मास्क लगाकर अपने शिशु को स्तनपान करा सकती हैं। इस रिसर्च को प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल नेचर में प्रकाशित भी किया गया है। -डा.विकास मिश्रा, प्रोफेसर, माइक्रोबायोलाजी विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
यह एहतियात जरूरी
-अच्छी तरह से मास्क लगाकर शिशु को गोद में लें।
-माताएं बिना ग्लब्स पहने बच्चों को न छुएं और हर बार स्तनपान से पहले नए ग्लब्स ही इस्तेमाल करें।
-अपने दोनों हाथों को अच्छी तरह सैनिटाइज करें।
-सैनिटाइजर न होने पर साबुन-पानी से हाथ धोएं।
-शिशु के आंख और नाक पर बार-बार हाथ न लगाएं।