बीसीसीआइ में कमजोर हुआ यूपीसीए, प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय मैचों को लेकर असमंजस के बादल Kanpur News
यूपीसीए का सालाना आम सभा में मतदान का अधिकार छिनने से मैचों के लिए पैरवी कमजोर पड़ सकती है।
कानपुर, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की वार्षिक आम सभा (एजीएम) में उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) से मतदान का अधिकार छिनने के बाद प्रदेश में क्रिकेट मैच को लेकर असमंजस की स्थिति है। आशंका जताई जा रही है कि यूपीसीए के शामिल न होने से ग्र्रीनपार्क में अंतरराष्ट्रीय मैचों की पैरवी कमजोर होगी, ऐसे में मैच का इंतजार अब और लंबा हो सकता है।
क्रिकेट के जानकारों के मुताबिक यूपीसीए ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों का अनुपालन नहीं किया। चूंकि बीसीसीआइ में दूसरी बार पद हासिल करने के लिए कम से कम तीन साल का अंतर होना चाहिए और राजीव शुक्ल बीसीसीआइ में वर्ष 2017 तक सचिव रहे, इसलिए उनका कूलिंग ऑफ पीरियड चल रहा है। इसे पूरा होने में कुछ महीने बाकी हैं। ऐसे में बीसीसीआइ की आमसभा में राजीव शुक्ला को वोटिंग में भाग लेने से रोका गया।
इसके अलावा एपेक्स कमेटी में चुने गए कुछ पदाधिकारी वर्तमान में अपने-अपने जनपदों में भी कार्यरत हैं, इस कारण वह भी शामिल नहीं हो पाए। हालांकि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इस पर अंतिम फैसला कोर्ट के निर्णय पर निर्भर है। शहर के क्रिकेट प्रेमी इसे यूपी को अंतरराष्ट्रीय मैच न मिलने के नजरिए से देख रहे हैं। विश्व के सबसे पुराने टेस्ट सेंटरों में शुमार ग्रीनपार्क को लंबे समय के बाद दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय मैच मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस घटनाक्रम से आस टूटती दिख रही है।
500 वें टेस्ट का रिकार्ड बना
बीसीसीआइ की आमसभा से यूपीसीए को बाहर किए जाने के बाद यूपी क्रिकेट का दबदबा कम होगा। जानकारों के मुताबिक यूपीसीए ने बीसीसीआइ में राजीव शुक्ला के सचिव रहते कई अंतरराष्ट्रीय मैच यूपी में कराकर विश्व भर में धाक जमाई। यह उन्हीं का प्रयास था कि ग्रीनपार्क में भारत का 500 वां टेस्ट मुकाबला भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच खेला गया। इससे शहर का नाम क्रिकेट इतिहास में दर्ज हो गया। वहीं, गुजरात लॉयन का होम ग्राउंड बनवाकर ग्रीनपार्क में आइपीएल का मैच कराने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
-बीसीसीआइ में भले ही यूपीसीए का वोटिंग अधिकार छिना है लेकिन यूपी क्रिकेट का रुतबा पूर्ववत ही रहेगा। भविष्य में इससे भी ज्यादा मैच यहां होंगे क्योंकि ग्र्रीनपार्क देश का सबसे बड़ा स्टेडियम है। अभी तो मामला अदालत में विचाराधीन है, निर्णय के आधार पर आगे की रणनीति तय करेंगे। -युद्धवीर सिंह, सचिव, यूपीसीए