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Zila Panchayat Adhyaksh Chunav: 16 सदस्यों के साथ पहुंच भाजपा ने दिखाई ताकत, जीत से एक कदम दूर स्वप्निल

भाजपा ने नामांकन वाले दिन सुबह पूर्व मंत्री की बेटी स्वप्निल वरुण को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया और नामांकन दाखिल कराया। भाजपा के अपने नौ सदस्य है जबकि छह निर्दलीय और एक निषाद पार्टी का सदस्य साथ नजर आ रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 08:14 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 08:14 AM (IST)
Zila Panchayat Adhyaksh Chunav: 16 सदस्यों के साथ पहुंच भाजपा ने दिखाई ताकत, जीत से एक कदम दूर स्वप्निल
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की रस्सा कसी तेज।

कानपुर, जेएनएन। नौ जिला पंचायत सदस्यों वाली भाजपा ने नामांकन से पहले पार्टी कार्यालय में 16 सदस्यों को जुटाकर सभी को चौंका दिया। अब भाजपा जीत से एक कदम दूर है। हालांकि पार्टी का दावा है कि उसके पास 20 सदस्य हैं। इससे पहले कई दिन की खींचतान के बाद शनिवार सुबह पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री कमल रानी की बेटी स्वप्निल वरुण को प्रत्याशी घोषित किया था।

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प्रत्याशी के चयन को लेकर भाजपा का अंदरूनी विवाद शनिवार सुबह तक चलता रहा। पंचायत चुनाव प्रभारी विजय बहादुर पाठक गुरुवार से ही कानपुर में रुके थे। वह उसी रात राजा दिवाकर का समर्थन कर रहे नेताओं से भी मिले थे। राजा के पीछे न हटने से शुक्रवार देर रात तक यह खींचतान चलती रही। शुक्रवार को कानपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया था। इसके बाद शनिवार सुबह पार्टी ने स्वप्निल वरुण को प्रत्याशी घोषित किया।

इसके कुछ घंटे बाद नवीन मार्केट कार्यालय से नामांकन के लिए सभी को रवाना होना था। पार्टी यहां अपनी शक्ति दिखाना चाहती थी, लेकिन ये सदस्य कैसे जुड़ेंगे यह समझ नहीं आ रहा था। इस बीच विजय बहादुर पाठक 16 जिला पंचायत सदस्यों के साथ पहुंचे। इसमें नौ भाजपा, छह निर्दलीय और एक निषाद पार्टी का सदस्य था। उन्हें सीधे पार्टी कार्यालय में ऊपर ले जाकर बिठाया गया। इनके साथ औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, सभी विधायक व एमएलसी और तीनों जिलाध्यक्ष रहे। अब पार्टी को जीत के लिए एक और सदस्य की जरूरत है। अंतिम मौके पर राजा दिवाकर को भी प्रस्तावक बनाया गया। हालांकि सभी नामांकन फार्म पर अलग-अलग प्रस्तावक और अनुमोदक बनाए गए।

कमल रानी ने भी निकाय चुनाव से शुरू की थी राजनीति : स्वप्निल वरुण की मां कमल रानी वरुण का निधन पिछले वर्ष कोरोना से हुआ था। वह प्रदेश में कैबिनेट मंत्री थीं। कमल रानी ने भी अपना पहला चुनाव स्थानीय निकाय के रूप में पार्षद का जीता था। उसके बाद वह सांसद और विधायक भी बनीं।

पानी की समस्या दूर करना प्राथमिकता : स्वप्निल वरुण ने कहा कि क्षेत्र से पानी की शिकायतें सबसे ज्यादा आ रही हैं। अध्यक्ष बनने पर सबसे पहले पेयजल की समस्याओं को दूर करूंगी। प्रधानमंत्री ने पेयजल की समस्या का समाधान निकाल लिया है। अब इस कार्य को तेजी से आगे बढ़ाना है।


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