कानपुर देहात में निलंबित एसओ की कारस्तानी पर एडीजी ने निरस्त कराई एफआर, अब दोबारा होगी जांच
एडीजी जोन ने एसपी कानपुर देहात को आदेश दिए है और कहा है कि आरोप सही मिले तो भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया जाए। निलंबन की सूचना मिलते ही एसओ ने लूट के मामले में रुपये लेकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।
कानपुर, जेएनएन। किशोरी से छेड़छाड़ और प्रताडऩा के आरोपित राजपुर के निलंबित थानाध्यक्ष विनोद कुमार की कारगुजारियां एक के बाद एक सामने आने से पुलिस महकमे की किरकिरी हो रही है। अफसर भी उसकी कारस्तानी जानने के बाद हैरान हैं और सघन जांच कराने की बात कह रहे हैं। गोली मारकर लूटपाट करने के मुकदमे में निलंबित एसओ फाइनल रिपोर्ट लगाकर अब बुरी तरह फंस गए हैं। एडीजी ने मामले का संज्ञान लेकर एसपी कानपुर देहात को एफआर निरस्त कर मामले में दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, निलंबित थानाध्यक्ष के खिलाफ एक और जांच शुरू हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक अगर पैसे लेकर फाइनल रिपोर्ट लगाने के आरोप सही मिले तो निलंबित थानाध्यक्ष परभ्रष्टाचार निरोधक अभियान के तहत भी मुकदमा दर्ज होगा।
कानपुर देहात के जैनपुर निवासी बीएसएफ जवान शैलेंद्र सिंह पर 13 अगस्त को हमला हुआ था। हमलावरों ने गोली मारकर उनसे नकदी और सोने की चेन लूट ली थी। चूंकि आरोपित पांच से अधिक थे, इसलिए पुलिस ने डकैती की धारा में मुकदमा दर्ज किया। मगर, हत्या के प्रयास की धारा नहीं लगाई। जांच चल रही थी कि इसी बीच एसओ किशोरी से छेड़छाड़ व प्रताडऩा के आरोपों में फंस गए। एक सितंबर को उन्हें निलंबित कर दिया गया। आरोप है कि निलंबन की खबर सुनते ही थानाध्यक्ष ने शैलेंद्र सिंह पर हमले के मामले में सात लाख रुपये लेकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
निलंबित एसओ की कारस्तानी को रविवार को अफसरों के सामने खुल गई। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेकर एडीजी भानु भाष्कर ने कानपुर देहात के एसपी से फोन पर बात की और उक्त मामले में एफआर निरस्त कर दोबारा जांच कराने का आदेश दिया। एडीजी ने बताया कि उन्होंने इस प्रकरण में भी एसओ के खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश दिया है। यदि आरोप सही पाए गए तो निलंबित एसओ पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।