जूते-चप्पल सिलकर परिवार चलाने वाले की पत्नी ने जीता चुनाव, पहले मिले ताने अब मिल रही सराहना
फतेहपुर के हसनपुर गांव की रहने वाली महिला ने वार्ड 27 शाह सीट से जीत हासिल कर ली है। उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर मन में जज़्बा हो तो मंजिल हासिल करना कतई असंभव नहीं है। वह गांव में सुविधाएं पहुंचाने की बात कह रही हैं।
फतेहपुर, [विनोद मिश्र]। मान लो तो हार है, ठान लो तो जीत। किसी ने एकदम सही कहा है, लक्ष्य कितना भी मुश्किल हो, लेकिन जज्बे और जुनून से सफलता मिलती ही है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गाजीपुर कस्बे में जूता-चप्पल सिलने वाले हसनपुर निवासी मोची राम प्रसाद ने। उनकी पत्नी ने पंचायत चुनाव में जीत हासिल करके ये साबित कर दिया है कि अगर जुनून जज़्बा हो तो कुछ भी हासिल करना असंभव नहीं है। गांव में पहले ताने देने वाले अब उसकी तारीफों के पुल बांधने से नहीं थक रहे हैं।
फतेहपुर के गाजीपुर के हसनपुर गांव में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद वार्ड 27 शाह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। इसपर रामप्रसाद की पत्नी दिलसिया ने भी नामांकन दाखिल किया था। इसपर गांव के कई लोगों ने उनका उपहास भी उड़ाया था। लेकिन, दंपती ने तानों से हार नहीं मानी और चुनाव में लोगों को भरोसा दिलाया। कई बार लोगों ने प्रचार के दौरान दूरियां भी बनाईं। अब दिलसिया ने 5,369 मत पाकर अपने प्रतिद्वंद्वी दुर्गेश कुमार को 2,252 वोट से हराकर जीत हासिल कर ली है। दुर्गेश को 3117 मत मिले है।
राम प्रसाद बताते हैं, पत्नी-बेटों की इच्छा पूरी करने को डेढ़ साल पहले ही चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। चुनाव की घोषणा हुई तो होने के बाद बेटे के साथ बाइक से गांवों में घूमे। दिलसिया भी टेंपो लेकर प्रचार करती रहीं। 22 प्रत्याशी होने से मुकाबला भी कड़ा था और ताने भी खूब मिले। दिलसिया कहती हैं,लोग चुनाव जीतकर गरीबों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं देते हैं। अब गांव-गांव गरीबों तक पेयजल, सड़क, बिजली जैसी सुविधाएं पहुंचाने का काम करेंगी।