कभी बेचते थे पानी-पूरी, आज ‘स्मार्ट विलेज’ के नायक, उप्र में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार पाने वाले ऐरी रमपुरा की प्रेरक कहानी
राष्ट्रीय पंचायतराज दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ग्राम पंचायत को स्वास्थ्य केंद्र इंटरमीडिएट विद्यालय की सौगात दी गई है। उप्र में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार पाने वाले ऐरी रमपुरा की प्रेरक कहानी अच्छी सड़कें पंचायत भवन स्ट्रीट लाइट जल स्रोतों व मनोरंजन की बेहतर व्यवस्था
विमल पांडेय , उरई : जालौन जिले में डकोर ब्लाक के ऐरी रमपुरा गांव के ग्राम प्रधान ओमकार पाल कभी चेन्नई में पानी-पूरी का व्यवसाय करते थे। जब कभी गांव आते तो उन्हें गांव की बदहाली शोर करती दिखती। तब मन में विचार आया कि गांव के विकास के लिए किसी न किसी को प्रयास करने ही होंगे। फिर क्या था, उन्होंने ठान लिया कि ग्राम पंचायत को विकास के सारे मानदंडों तक पहुंचाएंगे।
ओमकार पाल ने चेन्नई में अपने पानी-पूरी के व्यवसाय को स्वजन को सौंपा और गांव की ओर रुख कर लिया। उनके बुलंद इरादों ने उन्हें आज गांव के विकास के मामले में सबसे आगे खड़ा कर दिया है। उन्होंने ऐरी रमपुरा गांव में विकास की पटकथा लिख दी कि भारत सरकार के पंचायतीराज विभाग से राष्ट्रीय बाल मैत्री पुरस्कार मिला। गांव की जो पगडंडियां कभी अपने विकास के लिए जूझती दिख रही थीं, आज वहां अच्छी सड़कें, पंचायत भवन, श्मशान स्थल और जल स्रोतों की बेहतर व्यवस्था है। ओमकार आज स्मार्ट विलेज के नायक हैं।
ग्राम ऐरी रमपुरा के विद्यालय परिसर में योग स्थल पर योग करते बच्चे।
लगभग दो हजार की आबादी वाली इस ग्राम पंचायत में आज बच्चों के लिए खेल के मैदान हैं। बच्चों के लिए जिम, योग स्थल, तालाब में नौका विहार जैसी सुविधाएं हैं। गांव के बच्चे नौका विहार करते समय किसी शहर में होने जैसा अहसास करते हैं। गांव के स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे के साथ प्रोजेक्टर लगवाया गया है। ओमकार पाल कहते हैं कि शुरुआती दौर में गांव के विकास में काफी अड़चनें आती थीं। कभी बजट न मिलना तो कभी किसी कार्य में विरोध झेलना पड़ता था। इन मुसीबतों से निपटने के लिए सबसे पहले गांव में एक सलाहकार समिति बनाई । इस समिति में ऐसे लोगों को रखा, जो सबसे ज्यादा किसी कार्य का विरोध करते थे।
ग्राम ऐरी रमपुरा के तालाब में बोटिंग करते ग्राम प्रधान ओमकार पाल।
आज वही लोग विकास की रणनीति में अहम भागीदारी निभाते हैं और गांव को विकास की ओर ले जा रहे हैं। अपने बुलंद इरादों से जनता जनार्दन के साथ ही सरकारी अमले का दिल जीतने वाले ऐरी रमपुरा के ग्राम प्रधान ओमकार पाल कहते हैं, गांवों की तस्वीर बदलने के लिए सबसे पहले अपने को सनातन संस्कृति से जोड़ना चाहिए तभी गांवों के प्रति समर्पण और त्याग पैदा होगा। गांवों में वह गंवई संस्कृति देखने को मिलेगी जो कभी पूर्वजों ने देखी थी। उन्हें ग्राम पंचायत की जनता का भी समय- समय पर सहयोग मिला है। सभी के आचार- विचार भी इस सफलता में बराबर शामिल हैं। राष्ट्रीय पंचायतराज दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ग्राम पंचायत को स्वास्थ्य केंद्र, इंटरमीडिएट विद्यालय की सौगात दी गई है।
ग्राम ऐरी रमपुरा के प्राथमिक विद्यालय में खेलते बच्चे।
पहले क्या स्थिति थी
गांव में कच्ची गलियां थीं। गंदे तालाब के साथ जलभराव रहता था। गांव से बाहर जाने के लिए रास्ता व सड़क भी नहीं थी।
पुरस्कार के लिए क्यों चुनाव गया
शिक्षा के ऊपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों व बुजुर्गों के लिए शांत वातावरण व तालाब में नौका विहार के माध्यम से मनोरंजन के साधन।
ग्राम ऐरी रमपुरा विद्यालय में लगे झूले का आनंद लेते बच्चे।
निधि कितनी मिली
15वें राज्य वित्त से छह लाख रुपये मिले। गोबर खाद, झाड़ झंखाड़ को बेचकर आय बढ़ाई और विकास कार्य कराए। गांव में खुले में कूड़ा फेंकने पर जुर्माना लगाया।
क्या बदलाव आए हैं
पंचायत भवन का जीर्णोद्धार कराया है। सारी सुविधाएं हैं, पार्क भी व्यवस्थित कराया गया है।
कुछ महत्वपूर्ण कार्य
तालाब में नौका, महावीर पार्क में व्यायाम की व्यवस्था, गांव में स्ट्रीट लाइटें लगी हैं जिससे रात में रोशनी होती है। सभी जगह कूड़ादान है।