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विवाह की रस्म निभाने आई थीं, बदल दी गांव की तस्वीर; अब तक ये काम कराए

शिप्रा ने पति से कहा कि यदि वह अनुमति दें तो ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ेंगी। ग्रामीणों ने यदि आशीर्वाद दिया तो यहां की तस्वीर बदल देंगी। बाद में पंचायत चुनाव के दौरान महिला सीट हुई। यहां 17 उम्मीदवार मैदान में थे। शिप्रा ने विजय हासिल की।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 15 Sep 2022 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 15 Sep 2022 06:14 PM (IST)
विवाह की रस्म निभाने आई थीं, बदल दी गांव की तस्वीर; अब तक ये काम कराए
धवारी के पंचायत सचिवालय में लैपटाप पर काम करतीं ग्राम प्रधान शिप्रा चौबे। स्रोत- प्रधान

अजय दीक्षित, महोबा : चरखारी ब्लाक की ग्राम पंचायत धवारी की दो साल पहले की तस्वीर वर्तमान से अलग थी। इस समय दिख रहे इस बदलाव की बयार भले ही एक साल पहले प्रारंभ हुई लेकिन, इसकी नींव वर्ष 2020 में लाकडाउन के समय ही रखी जा चुकी थी। हुआ कुछ यूं कि वर्तमान ग्राम प्रधान शिप्रा जब ब्याह कर अपनी ससुराल आईं तो यहां टूटा घर, गांव की कीचड़ युक्त गलियां देख पति से नाराजगी जताई। इच्छा जताई कि वह आगे चल कर यहां की ग्राम प्रधान बन कर कुछ कर दिखाना चाहती हैं। उनका यह सपना 2021 के पंचायत चुनाव में पूरा भी हो गया। बाद में शिप्रा ने जो किया, सभी के सामने हैं। उन्होंने गांव की तस्वीर बदली और दैनिक जागरण के यशस्वी प्रधान में प्रदेश स्तर पर चयनित होकर बुंदेलखंड का नाम रोशन कर रही हैं।

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हमीरपुर जिले के राठ कस्बा मोहल्ला भटियाना में 22 वर्षीय शिप्रा का मायका है। उनकी शादी महोबा जिले के ब्लाक चरखारी ग्राम पंचायत धवारी के रोहित चौबे से छह मई 2020 को हुई थी। वह बीकाम, बीएड कर चुकी हैं। शादी के बाद दीवार पर हाथ की छाप (हथा) की रस्म पूरी करने को नव दंपती गांव आए थे। शिप्रा ने ससुराल में पुराने घर के पास खराब रास्ता और नाली से बाहर बहता पानी देख अपने पति से कहा कि यहां प्रधान कुछ काम नहीं कराते हैं क्या? रोहित चुप रहे। शिप्रा ने पति से कहा कि यदि वह अनुमति दें तो ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ेंगी। ग्रामीणों ने यदि आशीर्वाद दिया तो यहां की तस्वीर बदल देंगी। बाद में पंचायत चुनाव के दौरान महिला सीट हुई। यहां 17 उम्मीदवार मैदान में थे। शिप्रा ने विजय हासिल की।

धवारी का पंचायत सचिवालय भवन। जागरण

रूढ़िवादी परंपरा तोड़ी

नई बहू घर में तो घूंघट उठाती नहीं, बाहर कैसे जाएगी। यह एक विकट समस्या थी। इसमें ससुराल पक्ष तथा गांव के लोगों ने शिप्रा का मनोबल बढ़ाया। आखिर घूंघट हटा कर ग्राम प्रधान ने गांव के विकास कार्यों को प्राथमिकता से कराया। हर बैठक में वह भाग लेती हैं। स्वयं कार्यों की समीक्षा करती हैं।

पारिवारिक पृष्ठ भूमि

धवारी की ग्राम प्रधान शिप्रा चौबे के प्रकाश बुधौलिया सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारी हैं। चार बहनों में सपना, सुचिता, शिल्पी और स्वयं चौथे नंबर शिप्रा पर हैं। सुचिता लखनऊ में सचिवालय में समीक्षा अधिकारी हैं। शिल्पी शिक्षक हैं। ससुराल पक्ष में खेती प्रमुख व्यवसाय है।

गांव में कराए गए कार्य

पांच लाख रुपये की लागत से पंचायत सचिवालय को नए सिरे से बनवाया। यहां सीसी कैमरे लगे हैं। बाउंड्रीवाल बनवाई। गोशाला तैयार कराई, जिसमें सर्दी से बचाव के लिए हीटर लगवाया। चारा-पानी की व्यवस्था कराई। बैल व गाय अलग रखने का इंतजाम कराया।

गांव में अब तक ये काम कराए

40 साल पुराने नाले को साफ कराया। 30 साल से श्मशान घाट के अवैध कब्जे को हटवाया। घाट तक का रास्ता बनवाया। गांव में 40 एलईडी लाइट लगवाईं। सरकारी स्कूल में इंटरलाकिंग कराई। भूसाघर तैयार कराया। मंदिर एवं यज्ञ शाला का जीर्णोद्धार कराया। अब ग्रामीण गोशाला में बरात ठहराते हैं, अन्य आयोजन भी यहीं होने से लोगों की समस्या हल हो गई।

धवारी गांव में चौपाल के दौरान कमिश्नर दिनेश सिंह (दाएं ), सीडीओ हरिचरन सिंह (मध्य में) के साथ ग्राम प्रधान शिप्रा चौबे। फाइल फोटो- स्रोत प्रधान।

आगे की कार्य योजना

गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में काम कराया जा रहा है। स्कूल, पंचायत की खाली जमीन पर पौधारोपण होगा। तालाब में अमृत सरोवर योजना के तहत काम कराया जाएगा। मोहल्ला क्लास संचालित होंगी। हर गरीब को आवास दिलाने को लेकर काम कराया जा रहा है।


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