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Kamal Rani Death : शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक बेहतर करना चाहती थीं कमलरानी, अधूरे ही रह गए सपने

मंत्री बनने के बाद क्षेत्र में विकास के लिए प्राथमिकताएं तय कर शुरू कराया था काम।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 11:15 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 11:15 PM (IST)
Kamal Rani Death : शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक बेहतर करना चाहती थीं कमलरानी, अधूरे ही रह गए सपने
Kamal Rani Death : शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक बेहतर करना चाहती थीं कमलरानी, अधूरे ही रह गए सपने

कानपुर, जेएनएन। 2017 में विधायक और योगी मंत्रिमंडल के विस्तार में प्राविधिक शिक्षा विभाग की मंत्री बनीं कमलरानी वरुण ने क्षेत्र के विकास के लिए कई सपने देखे थे। मंत्री बनने के बाद उन्होंने विकास की प्राथमिकताएं तय कर काम तेजी से शुरू किया था, लेकिन अचानक उनके निधन के कारण कई सपने फिलहाल अधूरे ही रह गए।

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पॉलीटेक्निक को मॉडल बनाने व इंजीनियङ्क्षरग कालेज का देखा था ख्वाब

प्राविधिक शिक्षा विभाग की कैबिनेट मंत्री बनने के बाद कमलरानी ने घाटमपुर पालीटेक्निक को माडल बनाने के साथ इंजीनियङ्क्षरग की सभी शाखाओं की पढ़ाई की गुणवत्तापरक सुविधा उपलब्धता का ख्वाब देखा था। जर्जर पालीटेक्निक भवन व हास्टल की मरम्मत के लिए धन आवंटित करने के साथ ही वह विभागीय अफसरों को घाटमपुर की राजकीय पालीटेक्निक को आदर्श बनाने की बात कहती रहती थीं। वह घाटमपुर में एक राजकीय इंजीनियङ्क्षरग कालेज स्थापित कराने के लिए भी प्रयत्नशील थीं।

राजकीय कन्या इंटर कालेज को बनाना चाहती थीं बेहतर

नारी शिक्षा को लेकर बेहद संजीदा कमलरानी नगर में स्थित राजकीय कन्या इंटर कालेज के उन्नयन के लिए भी प्रयासरत रहीं। उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा से मिलकर कई पत्र भी सौंपे थे। राजकीय कन्या इंटर कालेज का दौरा कर शिक्षकों के साथ उन्होंने जरूरत का आंकलन भी किया था। प्रधानाचार्य रामरानी पालीवाल बताती हैं कि उन्होंने खुद के भी लखनऊ स्थित राजकीय कन्या इंटर कालेज की छात्रा होने की जानकारी देकर बहुत कुछ करने का जज्बा दिखाया था।

100 बेड के अस्पताल व नगर की जल निकासी पर थीं संजीदा

कमलरानी ने घाटमपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत करा कर 100 बेड के अस्पताल में तब्दील कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। उनसे सीधे भी मिली थीं। इसके साथ ही वह नगर की जलनिकासी व्यवस्था को सुचारु कराने के लिए शासन स्तर पर प्रयास कर रही थीं।

शासन से स्वीकृत कराया था राजकीय डिग्री कालेज

उन्होंने विधायक बनने के बाद उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा से कई बार मुलाकात कर राजकीय डिग्री कालेज स्वीकृत कराया था, जो भीतरगांव रोड स्थित चंदनपुर गांव के करीब निर्माणाधीन है। 2022 के चुनाव से पहले ही उसे संचालित देखने का सपना लेकर ही वह इस दुनिया से चली गईं।  


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