सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में राज्यपाल के सामने छात्रों का हंगामा Kanpur News
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दीक्षा समारोह में राज्यपाल ने मेधावियों को पदक दिए।
कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के दीक्षा समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आ चुकी हैं। यहां कार्यक्रम में मेधावियों को स्वर्ण, रजत समेत अन्य पदक प्रदान किए जाएंगे। परिसर के बाहर पुलिस की सख्त सुरक्षा लगाई गई है। राज्यपाल के सामने ही कुछ छात्रों ने विवि प्रशासन पर अंक देने में भेदभाव का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय और प्रशासनिक अफसरों ने छात्रों को समझाकर शांत कराया।
विश्वविद्यालय में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का हेलीकॉप्टर करीब साढ़े दस बजे पहुंचा। हेलीकॉप्टर से उतरकर वह कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। यहां विवि के उच्चाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस बीच सामने कैलाश सभागार में मौजूद कुछ छात्रों ने राज्यपाल के सामने हंगामा शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि परीक्षा में उन्हें कम अंक दिए गए हैं। छात्रों ने विवि प्रशासन पर अंक देने में भेदभाव का आरोप लगाया। कहा कि किसी को लाभ दिलाने के लिए परीक्षा रद कराई गई।
दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. राजेंद्र सिंह (जल संरक्षण एवं पर्यावरणविद् ) एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्रों को उपाधि प्रदान की। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का दीक्षा समारोह छात्र छात्राओं के लिए एक पर्व है। 701 मेधावियों को उपाधि वितरित करना गर्व की बात है। उन्होंने खुशी जताई कि आज कृषि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाएं भी आगे आ रही हैं। कहा, प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखते हुए तकनीकी का उपयोग मानवता की बेहतरी के लिए समय की मांग है। आज जलवायु परिवर्तन एक गंभीर चुनौती बन चुका है। खेती से अधिक पैदावार लेने के लिए भूजल के दोहन, रसायन व कीटनाशकों के संतुलित उपयोग की जरूरत है। कृषि वैज्ञानिक इस दिशा में पहल करें तो प्राकृतिक संतुलन बना रहेगा। जल संरक्षण के लिए उप में प्रबंधन को और चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बेटियों से भेदभाव न किया जाए और शादी में दहेज ना लें और ना दें। शिक्षा का लाभ समाज को मिले, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। मुख्य अतिथि जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि नवीनतम टेक्नोलॉजी को अपनाने के नाम पर प्रकृति का शोषण व अंधाधुंध दोहन बंद करना होगा। प्रकृति का और क्षरण रोकना अपरिहार्य बन चुका है। फसल चक्र को वर्षा चक्र से जोडऩा अब अतिआवश्यक है। आधुनिक शोधों को अपने परिवेश के अनुकूल ढाल कर उपयोग में लाना लाभप्रद होगा। कुलपति प्रोफेसर सुशील सोलोमन ने बताया कि प्लेसमेंट में विश्वविद्यालय लगातार आगे बढ़ रहा है। 175 छात्र छात्राओं को इस वर्ष कैंपस प्लेसमेंट से नौकरी मिली है। विश्वविद्यालय में इंटरनेट की सुविधा के अलावा इस वर्ष दो नए छात्रावास भी बनवाए गए हैं।