GSVM मेडिकल कॉलेज में होगा प्रदेश का पहला इंटीग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर क्लीनिक Kanpur News
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से मेडिकल कॉलेज को आठ करोड़ रुपये मिलेंगे।
कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सूबे का पहला इंटीग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर क्लीनिक खुलने जा रहा है। यहां एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की आधुनिक जांच हो सकेंगी। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के सहयोग से इसका निर्माण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के विशेषज्ञों की देखरेख में होगा, इसकी सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है।
बड़े शहरों में बढ़ रहे स्तन कैंसर के मरीज
देश में हर साल स्तन कैंसर के नए मरीज सामने आ रहे हैं। खासकर बड़े शहरों में इस बीमारी से पीडि़त मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विभिन्न शोध एवं सर्वे के मुताबिक 60 फीसद से अधिक मामलों में ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी देरी से होती है। इसे ध्यान में रखते हुए जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. संजय काला ने यहां इंटीग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर क्लीनिक खोलने के लिए आठ करोड़ रुपये का प्रस्ताव प्राचार्य के माध्यम से एनएचएम को भेजा था।
यह उपकरण आएंगे
क्लीनिक के लिए यहां एडवांस मेमोग्राफी मशीन, फाइन निडिल एसप्रेशन साइटोलॉजी (एफएनएसी), एमआरआइ, सीटी स्कैन एवं अल्ट्रासाउंड मशीन आएगी। क्लीनिक में काउंसलर भी तैनात किए जाएंगे जो युवतियों और महिलाओं को जागरूक करेंगे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या प्रो. आरती लालचंदानी ने बताया कि बड़ी संख्या में स्तन कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। इसके लिए इंटीग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर क्लीनिक खोलने की सहमति मिल गई है। आठ करोड़ रुपये से एक छत के नीचे अत्याधुनिक उपकरणों से जांच और काउंसलिंग की सुविधा मिलेगी।
इन लक्षणों का रखें ध्यान
स्तन में सूजन, गांठ या कोई बदलाव, स्तन के आकार में परिवर्तन, पानी या चिपचिपा पदार्थ आना, त्वचा का रंग हल्का गुलाबी होना, कोई दाना या चकत्ता अथवा दर्द महसूस हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। खासकर 35 वर्ष से ऊपर की महिलाएं, जिनके परिवार में यह समस्या रही हो वे नियमित जांच कराएं।
स्तन कैंसर के अहम तथ्य
1.5 लाख स्तन कैंसर के नए मामले सामने आते हैं देशभर में हर साल
32 महिलाएं इस बीमारी का शिकार होती हैं, प्रत्येक एक लाख में।
3000 से ज्यादा स्तन कैंसर के मरीज पंजीकृत हैं कानपुर और आसपास क्षेत्र में।