Move to Jagran APP

UP Chunav: एक समय ऐसा आया जब कानपुर में सभी सीटें हार गई थी कांग्रेस, पढ़िए- कैसा रहा होगा वो दौर

यूपी विधानसभा चुनावों में दो बार कानपुर में कांग्रेस पार्टी के सभी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 1977 में जनता पार्टी की आंधी में कांग्रेस का किला ढह गया था और 1989 में भी जनता दल नौ और भाजपा ने एक सीट जीती थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:55 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 12:55 PM (IST)
UP Chunav: एक समय ऐसा आया जब कानपुर में सभी सीटें हार गई थी कांग्रेस, पढ़िए- कैसा रहा होगा वो दौर
कानपुर में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का इतिहास।

कानपुर, जागरण संवाददाता : उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए दो चुनाव ऐसे थे, जब पार्टी जिले में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। जनता पार्टी की आंधी में कांग्रेस कानपुर की सभी 10 सीटें हार गई थी। इसके 12 साल बाद कांग्रेस के लिए फिर ऐसी स्थिति आई, जिसमें कांग्रेस के सभी प्रत्याशी फिर चुनाव हार गए थे। इसके बाद से प्रदेश में कांग्रेस का जनाधार लगातार कम होता रहा। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सात सीटों तक सिमट गई थी।

loksabha election banner

चुनाव में धांधली के आरोप सिद्ध होने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। दो साल तक चले आपातकाल के बाद 1977 में चुनाव कराए गए। उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव हुए। चूंकि कांग्रेस के खिलाफ जन नेता जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने मोर्चा खोल रखा था, लिहाजा जनता पार्टी की आंधी में कांग्रेस चुनाव हार गई । कानपुर की 10 विधानसभा सीटों में कांग्रेस एक पर भी चुनाव नहीं जीत सकी थी। वर्ष 1989 में एक बार फिर वही दौर आया जब कांग्रेस के प्रत्याशी कानपुर नगर की सभी सीटों पर चुनाव हार गए।

इस चुनाव में जनता दल की आंधी चली और कानपुर से ही नहीं प्रदेश से भी कांग्रेस के पांव उखडऩे लगे। उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के अंतिम मुख्यमंत्री थे। उसके बाद प्रदेश में फिर सरकार नहीं बनी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शंकरदत्त मिश्र बताते हैं कि उस वक्त जेपी की आंधी चल रही थी। जनता उन्हें पसंद करती थी, इसीलिए उन्हें लोक नायक और जन नेता भी कहा जाता है। ऐसे में कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं टिक पाए और जनता पार्टी ने चुनाव तो जीता ही, प्रदेश को कई मुख्यमंत्री भी दिए।

1977 के चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी जीते

विधानसभा-जनता पार्टी-कांग्रेस

आर्यनगर-बाबू बदरे-अब्दुल रहमान नश्तर

सीसामऊ-मोती राम-शियो लाल

जनरलगंज-रेवती रमण रस्तोगी-वीरेंद्र तिवारी

कैंट-बाबूराम शुक्ला-राजेंद्र कुमार

गोविंद नगर-गणेश दत्त बाजपेयी-प्रत्याशी नहीं

कल्याणपुर-पुष्पा तलवार-राम नारायण पाठक

सरसौल-जौहरी लाल त्रिवेदी-देवेंद्र बहादुर चंदेल

घाटमपुर-रामआसरे अग्निहोत्री-कुंवर शिवनाथ ङ्क्षसह कुशवाहा

बिल्हौर-मोतीलाल देहलवी-हनुमान प्रसाद कुरील

चौबेपुर-हरिकिशन श्रीवास्तव-जगदीश अवस्थी

1989 के चुनाव में जनता दल के नौ प्रत्याशी जीते

विधानसभा-जनता दल-कांग्रेस

आर्यनगर-रेशमा आरिफ-हाफिज मोहम्मद उमर

सीसामऊ-शिवकुमार बेरिया-कमला दरियाबादी

जनरलगंज-वीरेंद्र नाथ दीक्षित-रागेंद्र स्वरूप

कैंट-गणेश दीक्षित-पशुपति नाथ मेहरोत्रा

गोविंद नगर-बालचंद्र मिश्रा (भाजपा)-विद्यारानी

कल्याणपुर-भूधर नारायण मिश्र-आरएन पाठक

सरसौल-जौहरी लाल त्रिवेदी-देवेंद्र बहादुर सिंह चंदेल

घाटमपुर-रामआसरे अग्निहोत्री-शिवनाथ सिंह कुशवाहा

बिल्हौर-मोतीलाल देहलवी-हनुमान प्रसाद कुरील

चौबेपुर-हरिकिशन श्रीवास्तव-नेक चंद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.