बारिश का कहर : इटावा में 10 और कानपुर देहात-बांदा में दो की मौत, सीएम ने जताया दुख, मृतकों के परिवार को 4 लाख की मदद
Mishaps In Rain कानपुर समेत आसपास जिलों में बारिश का कहर अब कच्चे घरों पर टूटने लगा है। इटावा के चार गांवों में दीवार गिरने से चार सगे भाइ-बहनों समेत दस लोगों की मौत हुई है कानपुर देहात में एक और बांदा में किसान की मौत हो गई है।
कानपुर, जागरण टीम। Mishaps In Rain : बीते दो दिन से कानपुर समेत आसपास जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है। बारिश का कहर अब कच्चे मकानों पर टूटने लगा है। घर और दीवार गिरने से इटावा में चार सगे भाई-बहन समेत सात और कानपुर देहात में एक व्यक्ति की मौत हुई है। इटावा की घटनाओं पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दुख जताया है और आपदा का शिकार मृतकों के परिवारों को चार लाख रुपये आर्थिक मदद की घोषणा की है।
इटावा जनपद में तीन गांवों में बारिश के बाद दीवार और मकान गिरन से सात लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ UP CM yogi adityanath ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने जिला प्रशासन को स्वजन की मदद करने के निर्देश दिए हैं। आपदा राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की है और सभी घायलों का समुचित उपचार कराए जाने को कहा है। जिलाधिकारी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर जाकर राहत कार्य को युद्धस्तर पर कराने के लिए निर्देशित किया है।
इटावा के सिविल लाइन इलाके के चंद्रपुरा गांव में घर की कच्ची दीवार गिरने से दादी के साथ सो रहे चार सगे भाई बहन दस वर्षीय सिंकू, आठ वर्षीय अभि, सात वर्षीय सोनू और पांच वर्षीय आरती की दबकर मौत हो गई। माता-पिता की दो साल पहले मौत होने के बाद दादी के साथ रहे थे। मामूली रूप से घायल 75 साल की दादी शारदा देवी व 4 वर्षीय ऋषभ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसी तरह इकदिल के ग्राम कृपालपुर में कच्ची दीवार गिरने से 65 वर्षीय रामसनेही और उनकी 63 वर्षीय पत्नी रेशमा देवी की मौत हुई है। वहीं महेवा ब्लाक की ग्राम पंचायत अंदावा के मजरा बंगलन में आधी रात मकान की कच्ची दीवार समेत छप्पर गिरने से 50 वर्षीय जबर सिंह की मौत हो गई। डीएम अवनीश राय ने कहा कि चंद्रपुरा में बच्चों के स्वजन को शासन की ओर से स्वीकृत सहायता प्रदान की जाएगी। जनपद के सभी स्कूलों को 3 दिन के लिए 24 सितंबर तक बंद कर दिया गया है।
इसी तरह नगर के मोहल्ला घटिया अजमत अली में आरिफ के मकान की दीवार गिरने से उनके दो बच्चे चार वर्षीय पुत्री महक और आठ माह के पुत्र आदिल की मलबे में दबकर मृत्यु हो गई। इसके अलावा उनके स्वजन इमरान खां की आठ माह की पुत्री सुहाना ने भी मलबे में दबकर दम तोड़ दिया। हादसे में आरिफ की 28 वर्षीय पत्नी चंदा और तथा स्वजन 90 वर्षीय कादरी गंभीर घायल हो गईं। दोनों महिलाओं को मलबे से निकालकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नौरंगाबाद चौकी इंचार्ज हेमंत सोलंकी और उनके साथ सिपाहियों ने स्थानीय लोगों की मदद से मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। मौके पर तहसीलदार सदर राजकुमार, सीओ विवेक चावला पहुंचे। एसडीएम सदर विक्रम राघव ने नियमानुसार सहायता दिलवाने का भरोसा दिया है। गुुरुवार को दिन चढ़ते ही हुए हादसे के साथ ही जनपद में मकान गिरने के हादसों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई। इस हादसे से पहले बुधवार की रात में तीन स्थानों पर मकानों की दीवार गिरने से चार अनाथ मासूम बच्चों, बुजुर्ग दंपती सहित सात लोगों की मृत्यु हो गई थी।
कानपुर देहात में भी गिरे मकान, बालक की मौत और पांच घायल
कानपुर देहात में झमाझम वर्षा के चलते घर गिरी की घटनाएं हुई हैं। सट्टी के क्योटरा गांव में किसान हरिश्चंद्र बुधवार रात पत्नी अनीता व 11 वर्षीय पुत्र सज्जन के साथ अपने कच्चे मकान में सोए थे। पूरी रात वर्षा होती रही और गुरुवार तड़के पांच बजे करीब अचानक से मकान भरभराकर गिर गया। तेज आवाज होने पर आसपास के लोगों ने मलबे से तीनों को बाहर निकाला और सीएचसी पुखरायां ले गए। करीब दो घंटे बाद सज्जन की मौत हो गई। दंपती को जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
भोगनीपुर के पिपरी गांव में कच्चे मकान की छत गिरने से महेंद्र और उनकी गर्भवती पत्नी रचना घायल हो गईं। सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया। वहीं अकबरपुर के रामगंज में कच्चे मकान की दीवार गिरने से फेरी विक्रेता सुरेश कुमार की पत्नी सुनीता देवी घायल हो गईं। स्वजन उसे जिला अस्पताल लेकर गए।
बांदा में भी कई जगह गिरे मकान, किसान की मौत, वृद्ध दंपति दबकर घायल
तेज बरसात कच्चे आशियानों पर कहर साबित हो रही है। रात में झमाझम वर्षा के बीच मरका के टोलाकाजी गांव में घर गिरने से कमरे में सो रहे वृद्ध दंपती मलबे में दब गए। जब तक उनको बाहर निकाला जाता, पति की मौत हो गई और पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। इधर, पैलानी तहसील के खप्टिहाकला और तरौसा गांव में कच्चे घर गिरने से परिवार के लोग बाल-बाल बचे। चार लोग चुटहिल हो गए। कई अन्य जगहों पर दीवार व कच्चे कमरे गिरने से गृहस्थी बर्बाद हो गई।
मरका के टोलाकाजी गांव निवासी 75 वर्षीय किसान जगमोहन निषाद अपनी पत्नी 70 वर्षीय सुखदेईया के साथ कमरे में बैठे थे। तभी तेज बरसात से कच्चा कमरा भरभरा कर गिर गया। दोनों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। घर गिरता देख पहुंचे पड़ोसियों ने मलबा हटाकर दोनों को बाहर निकाला। तब तक जगमोहन की सांस थम चुकी थी, जबकि सुखदेईया गंभीर रूप से घायल हो गईं। जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इधर, खप्टिहाकला के प्रजापति मोहल्ले में किसान गंगाराम प्रजापति का रिहायशी मकान भरभरा कर गिर गया। कमरे में सो रहे परिवार के लोगों ने एक दीवार गिरते ही भाग कर जान बचाई। पास बंधे मवेशियों को भी खोल दिया गया। तरौस मोहल्ले के भीष्म सिंह का पक्का मकान, राकेश सविता व उसके भाई बृजेश सविता के कच्चे मकान गिर गए। तीनों की पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गई। आठ वर्षीय जान्हवी, छह वर्षीय पुष्पांजलि व बृजेश की पत्नी संगीता चुटहिल हो गईं। राकेश सविता की पुत्री पांच साल की संध्या, तीन साल की ज्योति भी चुटहिल हुईं। बिकौरा थोक मोहल्ले में बच्चू प्रजापति का कच्चा घर भरभरा कर गिर गया।