UP Budget 2022 : पीपीपी माडल पर चलेगा शिवराजपुर आइटीआइ, हैलट में दूर होगी नर्सिंग स्टाफ की समस्या
बजट में 31 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) को पीपीपी माडल पर संचालित करने का खाका तैयार किया गया है। जिसके बाद 80 प्रतिशत सीटों पर संस्था अपने मुताबिक विद्यार्थियों से फीस वसूल कर सकेगी। 20 प्रतिशत सीटों पर सरकारी नियमानुसार प्रवेश होंगे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। सरकार ने इस वर्ष बजट में 31 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) को पीपीपी माडल पर संचालित किए जाने की रूपरेखा तैयार की है। इसमें शिवराजपुर में बन रहा आइटीआइ भी शामिल है। दो माह में निर्माण कार्य पूरा होने के आसार हैं। इसके बाद पीपीपी माडल में चलाने के लिए विभिन्न संस्थाओं से आवेदन मांगे जाएंगे।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पांडु नगर के प्रधानाचार्य केएम सिंह ने बताया कि पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) माडल के तहत संचालित होने वाले संस्थानों में अधिकतम 80 प्रतिशत सीटों पर संस्था अपने मुताबिक छात्र-छात्राओं का प्रवेश लेगी, बाकी 20 प्रतिशत पर सरकारी नियमानुसार प्रवेश होंगे। सरकार की ओर से राजकीय आइटीआइ में सामान्य व पिछड़ा वर्ग के छात्र से महज 40 रुपये शुल्क लिया जाता है, लिहाजा उन संस्थानों में भी 20 प्रतिशत सीटों पर यही व्यवस्था लागू होगी। बाकी में संस्था स्ववित्तपोषित नियमों से शुल्क निर्धारित करेगी। यही नहीं, पीपीपी माडल से चलने वाले सभी आइटीआइ में संसाधन, लैब, मशीनों, शिक्षकों आदि की व्यवस्था संस्था ही करेगी। शुरुआत में प्रत्येक ट्रेड में 20 सीटें मिलने की उम्मीद है, जिसमें से 16 सीटें पीपीपी मोड में और चार सरकारी होंगी।
कौशल विकास मिशन में 3800 छात्रों के प्रशिक्षण का लक्ष्य: प्रधानाचार्य ने बताया कि कौशल विकास मिशन की ओर से भी इस वर्ष जिले में 3800 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हालांकि यह लक्ष्य और बढ़ने की उम्मीद है। पिछले वर्ष 7600 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया था। इसके तहत युवाओं को तीन से छह माह तक की ट्रेनिंग दी गई और विभिन्न ट्रेड में कुशल बनाया गया।
एलएलआर अस्पताल में दूर होगी नर्सिंग स्टाफ की समस्या: प्रदेश सरकार के बजट में इस बार चिकित्सा शिक्षा विभाग में तीन हजार नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति का प्रविधान किया गया है। इससे जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर (हैलट) एवं संबद्ध अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ की समस्या दूर होने की उम्मीद जगी है। एलएलआर अस्पताल 1765 बेड क्षमता का है लेकिन स्थायी स्टाफ नर्स सिर्फ 28 हैं। एलएलआर अस्पताल में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कोटे से नर्सिंग स्टाफ की तैनाती है। स्वास्थ्य विभाग के 178 नर्सिंग स्टाफ के पद हैं लेकिन तैनाती सिर्फ 28 की है, यानी 128 पद रिक्त हैं। इसी तरह चिकित्सा शिक्षा विभाग के 63 नर्सिंग स्टाफ हैं। आउटसोर्सिंग कंपनी के जरिये 150 नर्सिंग स्टाफ सेवा प्रदान कर रही हैं। इसके बावजूद नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के मानक पूरे नहीं हो रहे हैं। मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला का कहना है कि बजट में नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति का प्रविधान किए जाने से समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी।