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हैलो.. हैलो... आप बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं, अगर आ रही ऐसी कॉल तो जरूर जान लें ये सच्चाई

यूपी बोर्ड परीक्षा में छात्राें को फेल हो जाने का भय दिखाकर पास कराने के लिए रुपयों की मांग की जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 12:00 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 04:58 PM (IST)
हैलो.. हैलो... आप बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं, अगर आ रही ऐसी कॉल तो जरूर जान लें ये सच्चाई
हैलो.. हैलो... आप बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं, अगर आ रही ऐसी कॉल तो जरूर जान लें ये सच्चाई

कानपुर, [महेश शर्मा]। हैलो.. हैलो... आप बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं, अगर आपके पास भी ऐसी कॉल आई या आए तो पहले सच्चाई को जरूर जान लें वरना आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पूरा हो जाने और परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि नजदीक देख टप्पेबाज गिरोह सक्रिय हो गया है। गिरोह के सदस्य परीक्षार्थियों के मोबाइल पर फोन कर फेल होने का भय दिखा पास कराने के लिए धन की मांग कर रहे हैं।

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घाटमपुर में रहने वाले कुछ परीक्षार्थियों के पास ऐसी कॉल आई तो उन्हाेंने राजकीय कन्या इंटर कालेज की प्रधानाचार्य से शिकायत की है। कालर पास कराने का झांसा देकर पांच से 10 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। कई अभिभावक तो इन टप्पेबाजों के झांसे में फंस भी रहे हैं। प्रधानाचार्य ने उस नंबर पर काल की और परीक्षार्थी की मां बनकर बात की।

राजकीय कन्या इंटर कालेज की प्रधानाचार्य रामरानी पालीवाल ने बताया कि दोपहर 12.19 पर नंबर पर फोन किया तब काल रिसीव नही हुई। कुछ मिनट पर उसकी काल उनके मोबाइल पर आ गई। प्रधानाचार्य ने खुद का परीक्षार्थी की अभिभावक बताकर बात की, तो उसने पास कराने के लिए पांच हजार रुपये मांगे। गरीब होने का वास्ता देने पर वह तीन हजार रुपये लेकर पास कराने को तैयार हो गया।

उन्होंने बताया कि कालर खुद को इलाहाबाद बोर्ड ऑफिस का डेटा आपरेटर बता रहा था। पैसे भेजने के लिए उसने खुद का नाम, बैंक खाता नंबर, आइएफएससी कोड व बैंक शाखा का नाम भी उन्हें एसएमएस करके भेजा। प्रधानाचार्य रामरानी पालीवाल ने बताया कि उन्होंने पूरे घटनाक्रम से जिला विद्यालय निरीक्षक को भी अवगत करा दिया है। उन्होंने परीक्षार्थियों को ऐसे टप्पेबाजों से सावधान करने की हिदायत दी है।

गिरोह की बोर्ड दफ्तर तक तगड़ी पहुंच

सवाल पैदा होता है कि हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्रओं के मोबाइल नंबर गिरोह के सदस्यों को कहां से उपलब्ध होते हैं। इसको लेकर एक अन्य विद्यालय के प्रधानाचार्य बताते हैं कि कक्षा नौ व 44 में छात्र के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान आधार व मोबाइल नंबर दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। माना जा रहा है कि बोर्ड के डेटा में सेंध लगा या किसी सदस्य को गिरोह में शामिल करके परीक्षार्थियों से अवैध वसूली का खेल संचालित है।


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