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कानपुर: ओएमआर का नहीं हो पा रहा प्रबंध, यूपी बोर्ड की अर्धवार्षिक परीक्षाओं पर संकट, जानिए क्या है पेंच

बोर्ड सचिव के आदेशों के क्रम में डीआइओएस ने सभी माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को ओएमआर शीट का प्रबंध स्कूल स्तर पर करने के लिए कहा है जिसके बाद कई प्रधानाचार्यों ने अपनी आपत्ति जताइ है। एक छात्र को छह शीट उपलब्ध कराने के पक्ष में प्रबंधन नहीं है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 05:09 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 05:09 PM (IST)
कानपुर: ओएमआर का नहीं हो पा रहा प्रबंध, यूपी बोर्ड की अर्धवार्षिक परीक्षाओं पर संकट, जानिए क्या है पेंच
डीआइओएस ने प्रधानाचार्यों को ओएमआर शीट का प्रबंध स्कूल स्तर पर करने के लिए कहा है। प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। नवंबर के तीसरे हफ्ते में यूपी बोर्ड की ओर से नौवीं के छात्रों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी हो गए थे। हालांकि, एक रोचक बात यह है कि इन परीक्षाओं के लिए छात्रों को ओएमआर शीट उपलब्ध करानी होंगी।

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बोर्ड सचिव के आदेशों के क्रम में डीआइओएस ने सभी माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को जब ओएमआर शीट का प्रबंध स्कूल स्तर पर करने के लिए कहा तो कई प्रधानाचार्यों ने अपनी आपत्ति जताइ है। खालसा इंटर कालेज गोविंद नगर के प्रधानाचार्य हेमराज सिंह ने कहा कि एक छात्र को छह शीटें देनी होंगी। इस स्थिति में स्कूल से कैसे ओएमआर शीट उपलब्ध कराइ जा सकती हैं? कई अन्य ने कहा कि स्कूलों पर यह एक अतिरिक्त खर्च होगा।

गृह परीक्षा शुल्क को ही बढ़ा दें: उप्र प्रधानाचार्य परिषद के मंडल अध्यक्ष डा.गिरीश मिश्रा ने कहा, कि माध्यमिक विद्यालयों में नौवीं से 12वीं तक के छात्रों से पिछले 10 सालों से गृह परीक्षा शुल्क के नाम पर महज 25 रुपये लिए जाते हैं। उन्होंने कहा, कि बोर्ड को इस शुल्क में वृद्धि करनी चाहिए। बोले, अब जो ओएमआर शीट देनी हैं, उनके लिए प्रति छात्र छह रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे।

पांच हजार से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे शामिल: डीआइओएस सतीश तिवारी ने बताया कि इस परीक्षा में  जिले से पांच हजार से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। बोले, सभी स्कूलों में परीक्षा कराना अनिवार्य है। परीक्षा के ठीक एक हफ्ते बाद परिणाम भी जारी करना होगा।

बोले जिम्मेदार: ओएमआर शीट का प्रबंध स्कूल में प्रधानाचार्यों को ही करना होगा। अब वह, कैसे इंतजाम करते हैं यह उन्हें सोचना है। सभी स्कूलों में समय से परीक्षाएं भी होंगी। -सतीश तिवारी, डीआइओएस


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