यूपीसीडा बदलेगा भू-विभाजन की नीति, औद्योगिक विकास मंत्री ने दिए दिशा-निर्देश
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बैठक में कहा नीति ऐसी होनी चाहिये जिससे उद्यमियों को राहत मिले। रखरखाव शुल्क को भी तर्क संगत बनाने को भी कहा है। सीईओ ने निर्देशों के तहत नीति तैयार करने की बात कही है।
कानपुर, जेएनएन। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) अब भूखंडों के विभाजन और रखरखाव की नीति में परिवर्तन करेगा। जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर उसे निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने लखनऊ में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मयूर महेश्वरी को नीति में बदलाव करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भूखंडों की उप विभाजन नीति और रखरखाव शुल्क का निर्धारण ऐसा होना चाहिए, जिससे उद्यमियों को राहत मिले।
उन्होंने कहा कि अगर शुल्क ले रहे हैं तो औद्योगिक क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं भी दें। आवंटियों को बेहतर सड़क, बिजली, मार्ग प्रकाश, जल निकासी की सुविधाएं उपलब्ध कराएं। रुग्ण औद्योगिक इकाइयों की भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की जरूरत है। इसके लिए वस्त्र निगम की भूमि लेने की प्रक्रिया शुरू की जाए। निगम की बैंकों की देनदारियों के भुगतान के लिए एकमुश्त समाधान योजना की प्रक्रिया अपनाएं। इसके लिए प्रयास तत्काल शुरू किए जाएं।
महाना ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में लैंड ऑडिट करा लें। खाली पड़े भूखंडों का आवंटन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए करें। मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर महेश्वरी ने उन्हेंं बताया कि मेगा, सुपर मेगा परियोजना की नीति के तहत बुंदेलखंड में 582 करोड़ रुपये और पूर्वांचल में 184 करोड़ रुपये के निवेश होने हैं। औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि निवेश के लिए जरूरी प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेश राय, नेहा जैन, महाप्रबंधक संदीप चंद्रा उपस्थित रहे।
आवंटियों को जल्द दें कब्जा
औद्योगिक विकास मंत्री ने सीईओ से कहा कि वे ट्रांसगंगा सिटी और प्रयागराज स्थित सरस्वती हाईटेक सिटी में आवंटियों को भूखंडों पर तत्काल कब्जा दें। साथ ही ट्रांसगंगा सिटी में भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए।