कश्मीर में आतंकियों से मोर्चा लेते हुए उन्नाव का 'लाल' शहीद
जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव की ड्यूटी पर थे विजय। देर रात घर में बटालियन ने दी इकलौते बेटे के शहीद होने की सूचना।
कानपुर (जेएनएन)। जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान आतंकियों से मोर्चा लेते हुए सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के सिपाही विजय कुमार शहीद हो गए। उन्नाव के रहने वाले देश के वीर सपूत की शहादत पर परिवार के साथ पूरा क्षेत्र गमगीन है। तीन बेटियों के बीच इकलौते पुत्र की शहादत से माता-पिता बेहाल हो गए। परिवार को ढांढस बंधाने के लिए लोगों का उनके घर पर तांता लगा रहा।
तीन बहनों में इकलौते थे विजय कुमार
बीघापुर थाना क्षेत्र के रावतपुर गांव निवासी देवराज गौतम की तीन बेटियों में विजय कुमार इकलौते थे। बचपन से ही उनमें देश सेवा की लालसा थी। बीएससी करने के बाद उन्होंने सशस्त्र सुरक्षा बल में जाने की इच्छा जताई। परिवार का इकलौता होने से माता-पिता ने उनके फैसले पर एतराज जताया, पर देश सेवा का जुनून उन्हें रोक नहीं सका और वर्ष 2011 में एसएसबी में कांस्टेबल पद पर तैनाती पा ली। वर्तमान में वह 42वीं बटालियन की डी कंपनी में बहराइच में तैनात थे।
मां व पत्नी को सूचना देने की हिम्मत न जुटा सके थाना प्रभारी
जम्मू-कश्मीर के पंचायत चुनाव में विजय की कंपनी की तैनाती दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में हुई। रविवार की शाम अवंतीपुरा पोस्ट पर वह संतरी ड्यूटी पर थे। इसी दौरान आतंकियों द्वारा पोस्ट पर हमला करने पर मोर्चा लेते हुए विजय गोली लगने से शहीद हो गए। जिला प्रशासन से मिली सूचना पर रात करीब एक बजे थाना प्रभारी मोहम्मद अशरफ शहीद के घर पहुंचे, जहां पिता की घर पर मौजूदगी न देख मां कृष्णा और पत्नी प्रतिभा को सूचना देने का साहस न जुटा सके और चाचा रमेश को जानकारी दी। भतीजे की शहादत पर चाचा फफक पड़े।