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कैमरा कानून से अनजान, जानकार पुलिस बेफिक्र

हाईटेक सिस्टम नहीं पकड़ पाता है ओवरस्पीड, सीटबेल्ट, हेलमेट संबंधी खामी, चुपचाप खड़ी रहती है ट्रैफिक पुलिस, न टोकती है न करती है कानूनी कार्रवाई

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 01:13 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 01:24 AM (IST)
कैमरा कानून से अनजान, जानकार पुलिस बेफिक्र
कैमरा कानून से अनजान, जानकार पुलिस बेफिक्र

जागरण संवाददाता, कानपुर : कैमरे को कानून नहीं पता और ट्रैफिक पुलिस बेफिक्र है। नतीजा, 32 करोड़ की भारी भरकम रकम खर्च करने के बाद भी यातायात नियम धड़ल्ले से टूट रहे हैं। आठ महीने बाद भी सिस्टम को सभी सॉफ्टवेयर से अपडेट नहीं किया गया है। ऐसे में कैमरा कानूनों से अनजान है और इन्हीं कैमरों के भरोसे बैठी 'जानकार' ट्रैफिक पुलिस बेफिक्र। इसके बाद दावा है कि दो चौराहे, विजय नगर और बड़ा चौराहा पर यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं हो रहा है।

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शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए 32 करोड़ रुपये खर्च कर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के तहत दो चौराहों को हाईटेक किया गया था। दावा किया गया कि शहर की यातायात व्यवस्था दिल्ली, बेंगलुरू जैसी होगी, लेकिन जिम्मेदारों के लापरवाही भरे रवैये के चलते यह व्यवस्था चौपट है। इससे नियम तोड़ने पर स्वत: चालान होकर चालक के घर पहुंचने थे, लेकिन आठ माह में कंट्रोल रूम को विभिन्न प्रकार के ई-चालान करने के लिए सॉफ्टवेयर नहीं मिल सके। डीएम व एसएसपी ने कैमरों की मदद से मैन्युअल चालान करने के भी निर्देश दिए थे, लेकिन वह सिर्फ साप्ताहिक अभियान (बुधवार) तक ही सिमट गया।

केवल दो चौराहों पर ही चालान

इसके तहत बने हाईटेक कंट्रोल रूम से ई-चालान केवल दो चौराहों पर हो रही है। वहां भी लाल सिग्नल तोड़ने वालों तक सीमित हैं। बाकी चौराहों पर लगे कैमरे बेकार ही साबित हो रहे हैं।

विभागों में अब भी सामंजस्य नहीं

पुलिस सूत्रों की मानें तो सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए लगातार बैठकें हो रही हैं लेकिन विभागों के बीच तालमेल न होने से कवायद खोखली साबित हो रही है।

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ट्रैफिक पुलिस में कर्मचारियों की कमी के कारण मैन्युअल चालान नहीं हो पा रहे हैं। तीन दिन पहले आइटीएमएस कंट्रोल रूम से बगैर हेलमेट, सीटबेल्ट व अन्य नियम तोड़ने वालों का चालान हुआ था। सॉफ्टवेयर मांगा गया है, उसके आने के बाद अन्य नियमों के उल्लंघन पर भी चालान ऑटोमैटिक होने लगेंगे।

--सुशील कुमार, एसपी ट्रैफिक इन पर भी हो सकती है कार्रवाई

चौराहों पर जो कैमरे लगे हैं, उनमें हर कोने की गतिविधि भी साफ तौर पर कैद होती हैं। ऐसे में अधिकारी चाहें तो सड़क किनारे अवैध रूप से खड़ी गाड़ियां, ठेले वाले, अतिक्रमण, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, बगैर हेलमेट, बगैर सीटबेल्ट, ट्रिपल राइडिंग, ओवरलोड वाहनों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।

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हाईवे व नो-इंट्री में अवैध वसूली

जाम खुलवाने के लिए यातायात पुलिस का टोटा है, लेकिन टोल नाका पर ड्यूटी के लिए मारामारी है। क्योंकि यहां कमाई होती है। यहां पर चेकिंग तो होती है, लेकिन चालान नहीं। अंदाजा इससे लगाया जा सकता है यहां से सैकड़ों ट्रक रोज पार होते हैं, लेकिन चालान की संख्या न के बराबर।

एक नजर

32 करोड़ से तैयार हुआ आइटीएमएस

74 चौराहों पर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल

10 चौराहों पर लगाए गए हाईटेक कैमरे

02 चौराहों पर पीटूजेड कैमरों से ईचालान

08 माह में केवल सिग्नल तोड़ने वालों के चालान

27 हजार चालान वाहन चालकों के पते पर भेजे

08 लाख रुपये शमनशुल्क वसूला गया

1.30 लाख रुपये नगर निगम ने वसूला मेंटिनेंस चार्ज

शहर का हाल

- शहर के सभी चौराहों पर बेखौफ होकर नियम तोड़ रहे वाहन चालक

- रेड लाइट वायलेशन के चंद ई-चालान कर पीठ थपथपा रहे अफसर

-आदेश के बाद भी फुटेज देखकर नहीं हो रहे चालान, दारोगा सड़क किनारे फरमा रहे आराम


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