कानपुर के संदीप ने लकड़ी पर उकेरा रामरक्षा स्त्रोत, अब अयोध्या राम मंदिर के लिए लिख रहे हनुमान चालीसा
कानपुर के रहने वाले संदीप सोनी ने लकड़ी के 11 बोर्डों पर चार माह में रामरक्षा स्रोत के 44 श्लोक लिखे हैं। उनकी यह कृति कानपुर देहात के परौंख गांव में आयोजित राष्ट्रपति के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को भेंट की गई है।
कानपुर, जेएनएन। कहते हैं कि व्यक्ति का हुनर परिचय का मोहताज नहीं होता, लोग देखकर ही पहचान लेते हैं। ऐसा ही कुछ बर्रा के जरौली निवासी संदीप सोनी के साथ भी है। प्रधानमंत्री को लकड़ी की गीता भेंट करने वाले संदीप ने अब लकड़ी पर रामरक्षा स्त्रोत उकेरकर अलग पहचान बना ली है। यह उन्होंने चार माह में तैयार किया है। उनकी इस कृति को परौंख ग्राम में आयोजित राष्ट्रपति के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को भेंट किया गया है।
बर्रा के जरौली फेस-दो निवासी फर्नीचर बनाने की दुकान चलाने वाले संदीप सोनी उस समय खासा चर्चा में आए जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लकड़ी की गीता भेंट की और प्रधानमंत्री ने उनकी खूब तारीफ की। इसके बाद प्रधानमंत्री की प्रेरणा से वह लगातार अपने हुनर को निखार रहे हैं। उन्होंने लकड़ी पर रामरक्षा स्त्रोत तैयार करने का मन बनाया था। बीते चार माह से चार माह से लकड़ी के बोर्ड पर वह रामरक्षा स्त्रोत के श्लोक उकेर रहे थे। उन्होंने लकड़ी के 11 बोर्ड पर पूरा रामरक्षा स्रोत उकेर दिया है।
संदीप बताते हैं कि वह इस कृति को स्वयं मुख्यमंत्री जी को भेंट करना चाहते थे। लेकिन कुछ दिन पहले कानपुर देहात के जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी कमिश्नर चंद्रभान सिंह ने संपर्क किया और कृति को जल्द पूरा करने को कहा। वह शायद कृति को राष्ट्रपति को भेंट करना चाहते थे, इसपर उन्होंने दस दिन में शेष काम समाप्त करके कृति उन्हें सौंप दी थी। झींझक के परौंख गांव में आयोजित राष्ट्रपति के कार्यक्रम में उनकी कृति को मुख्यमंत्री को भेंट किए जाने की जानकारी हुई है। उन्हें खुशी महसूस हो रही है कि उनकी कृति मुख्यमंत्री जी के हाथों तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि लकड़ी के 11 बोर्डों पर 44 श्लोक लिखे हैं।
राम मंदिर के लिए लिख रहे हनुमान चालीसा
संदीप बताते हैं कि रामरक्षा स्रोत बनाने के बाद अब अयोध्या में राममंदिर के लिए वह लकड़ी पर हनुमान चालीसा लिख रहे हैं। इसका काम अभी उन्होंने शुरू किया है। एक ही बोर्ड में पूरी चालीसा लिखने का लक्ष्य है। वह चाहते हैं कि उनकी कृति मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के माध्यम से अयोध्या में बन रहे रामंदिर के लिए हो।
प्रधानमंत्री को भेंट कर चुके हैं श्रीमद्भगवत गीता
संदीप ने बताया कि वर्ष 2013 में उन्होंने लकड़ी पर श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक लिखने शुरू किए। 42 माह में 32 बोर्डों पर पूरी गीता लिख दी। गीता तैयार होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करने का निर्णय लिया। 26 जून 2014 को वह इसे भेंट करने दिल्ली गए थे। जहां मुलाकात न होने पर पीएमओ दफ्तर में पत्र देकर लौट आए थे। दो अगस्त को उन्होंने आरटीआइ भी डाली, जिसके जवाब में प्रधानमंत्री के निजी सचवि को पत्र भेजने को कहा गया था। लंबे इंतजार के बाद 20 फरवरी 2016 को फोन आया था और 26 फरवरी को उसे पीएमओ दफ्तर बुलाया गया था। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को लकड़ी की गीता सौंपी थी।