जुड़वा भाइयों के एक नहीं है रेटिना-फिंगरप्रिंट, जांच में सामने आई सच्चाई, ऐसे हुई थी गड़बड़ी
एक चौंकाने वाली घटना में, जुड़वा भाइयों के रेटिना और फिंगरप्रिंट अलग-अलग पाए गए। जांच में पता चला कि यह गड़बड़ी तकनीकी त्रुटि या डेटा एंट्री में हुई गलती के कारण हुई। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचा जा सके।

जागरण संवाददाता, कानपुर। नौबस्ता के उस्मानपुर निवासी पवन मिश्र के जुड़वा बेटों पवित्र और प्रबल के रेटिना और फिंगरप्रिंट एक नहीं थे, बल्कि आधार कार्ड अपडेट करवाते समय हुई बायोमीट्रिक मिक्सिंग के दौरान हुई गड़बड़ी से ऐसा हुआ। मंगलवार को तकनीकी खामी का पता लगाकर उसे ठीक किया गया।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पवन मिश्र के दोनों बेटों के रेटिना व फिंगरप्रिंट एक हैं। इसकी वजह से प्रबल का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। खबर में दावा किया गया कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि दोनों के रेटिना व फिंगरप्रिंट एक हैं।
खबर के प्रचलित होते ही माल रोड स्थित आधार सेवा केंद्र ने जांच शुरू की। केंद्र के असिस्टेंट मैनेजर और मीडिया कोआर्डिनेटर अकरम ने बताया कि दोनों बच्चों का जन्म 10 जनवरी 2015 को हुआ था। जन्म के कुछ महीनों बाद ही दोनों का आधार कार्ड बनवाया गया। छोटे बच्चों में रेटिना व फिंगरप्रिंट का मिलान नहीं कराया जाता।
बच्चों के बड़े होने पर दोनों के आधार कार्ड अपडेट करवाए गए थे। नाम छोड़कर सब तथ्य समान थे, ऐसे में गलती से प्रबल का ही रेटिना व फिंगरप्रिंट दोनों में अपडेट हो गया। नतीजा पवित्र का आधार कार्ड निरस्त हो गया।
यह तकनीकी खामी है, जिसे बायोमीट्रिक मिक्सिंग कहते हैं। जांच के बाद यह खामी पकड़ में आई और दूसरे बेटे का रेटिना व फिंगरप्रिंट लेकर आधार कार्ड अपडेट करवा दिया गया है। पवित्र और प्रबल के रेटिना और फिंगरप्रिंट एक नहीं हैं।

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