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उप्र में महोबा की सतारी ग्राम पंचायत में प्रधान की अनूठी पहल, मोहल्ला क्लास और घर-घर शिक्षा दान से गांव को बनाया साक्षर

महोबा के डीएम मनोज कुमार ने बताया कि जैतपुर ब्लाक का सतारी ग्राम पंचायत अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा है यह पंचायत प्लास्टि मुक्त होने के साथ यहां ग्राम प्रधान के निरंतर प्रयास से साक्षरता दर भी बढ़ी है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 07 Sep 2022 07:03 PM (IST)Updated: Wed, 07 Sep 2022 07:03 PM (IST)
उप्र में महोबा की सतारी ग्राम पंचायत में प्रधान की अनूठी पहल, मोहल्ला क्लास और घर-घर शिक्षा दान से गांव को बनाया साक्षर
बच्चों को गांव के बाहर स्कूलों में भेजने को प्रोत्साहित किया।

अजय दीक्षित, महोबा : अमूमन कोई भी कार्य शुरू होने से पहले बात धन की होती है पर संकल्प पूरा करने की इच्छाशक्ति हो धन की कभी भी बाधा नहीं बन सकती। सतारी ग्राम पंचायत के युवा प्रधान संदीप पांडेय ने इसको साबित करके दिखाया है। गांव से निरक्षरता मिटाने को उन्होंने पढ़े लिखे युवाओं की टीम बनाई। टीम के सदस्य सुबह-शाम घरों में जाकर निरक्षर युवा-बच्चे, बुर्जुगों को कापी-पेन, स्लेट-चाक से लिखना सिखाते हैं। उनके प्रयास से एक साल पहले जो गांव 76 प्रतिशत साक्षर था आज वहां साक्षरता दर 99.8 प्रतिशत है।

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जैतपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत सतारी में पंचायत चुनाव के दौरान संदीप ने संकल्प लिया था कि जीते तो गांव से निरक्षरता को मिटाएंगे। ग्रामीणों ने उन पर भरोसा जताया। गांव के मुखिया बनने पर उन्होंने पंचायत सहायक दीपिका, वार्ड सदस्य शिवम सिंह, लोकेंद्र सिंह, भगवान दास, ज्ञान सिंह, दीपू कुशवाहा के साथ टीम बनाई। दस मोहल्ला क्लास शुरू कीं। कोरोना काल में मोहल्लों में जाकर स्कूल न जाने वाले बच्चों को पढ़ाया। उनसे प्रेरित हो चित्रकूटधाम मंडल के तत्कालीन मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने मंडल के सभी जिलों में मोहल्ला क्लास शुरू कराने का निर्देश दिया था। संदीप बताते हैं कि करीब पांच हजार की आबादी वाले गांव में एक साल पहले तक 150 बुर्जुग, 46 बच्चे और युवा जो स्कूल नहीं जाते थे, वह निरक्षर थे। अब वह सभी साक्षर हो चुके हैं।

बुर्जुगों को घर जाकर पढ़ाते हैं

जो युवा-बुजुर्ग मोहल्ला क्लास में आने में संकोच करते हैं उन्हें उनके घर जाकर युवा पढ़ाते हैं। उन्हें उनका नाम लिखना, तथा अन्य शब्दों का ज्ञान कराते हैं। जो बालिकाएं, बालक गांव से बाहर उच्च शिक्षा पाने के लिए जाना चाहते थे लेकिन सुरक्षा, पैसा के अभाव से नहीं जा पा रहे थे उन्हें मदद की। ग्राम प्रधान कहते हैं कि करीब 75 ऐसे बच्चों को गांव के बाहर स्कूलों में भेजने को प्रोत्साहित किया।

मिल चुका जलवायु मित्र अवार्ड

संदीप पर्यावरण संरक्षण का भी काम कर रहे हैं। उनके प्रयासों के चलते ही प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें जलवायु मित्र पंचायत पुरस्कार दिया है।

महोबा के डीएम मनोज कुमार ने बताया कि जैतपुर ब्लाक का सतारी ग्राम पंचायत अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा है, यह पंचायत प्लास्टि मुक्त होने के साथ यहां ग्राम प्रधान के निरंतर प्रयास से साक्षरता दर भी बढ़ी है।

ग्राम पंचायत में मोहल्ला क्लास का संचालन कराने की पहल सराहनीय है इसके जरिए ग्राम प्रधान ने निरक्षर ग्रामीणों का आत्म बल बढ़ाए जाने का काम किया है।

- डा. अजय कुमार मिश्रा, बीएसए महोबा।


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