ग्रामीणों में वैक्सीनेशन का भय खत्म कर मिसाल बनीं नौबहार बानो, UNICEF और WHO ने प्रयास को सराहा
कोरोना की वैक्सीन आने के बाद लोगों में टीकाकरण को लेकर ग्रामीण जनता में भय और संशय का माहौल था। हालांकि इस समस्या से पार पाने में स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी हार मान चुकी थीं तभी टीम ने जिले की नौबहारा बानो नामक युवती से मदद मांगी थी।
उन्नाव, [जागरण स्पेशल]। कोविड-19 टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग कई प्रयासों के बाद भी असफल हो रहा था। इस पर यहीं के एक गांव की एक युवती ने समाज व अन्य लोगों को प्रेरणा देकर टीकाकरण की संख्या लगभग पांच सैकड़ा तक पहुंचा दी। प्रधान व स्वास्थ्य विभाग से दिए गए दायित्व को संजीदगी से पूरी करने पर नौबहार बानो को अंतरराष्ट्रीय संस्था UNICEF व WHO ने सराहते हुए उन पर एक प्रेरणास्रोत डाक्यूमेंट्री बनाकर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किया है।
इस तरह से लोगों को किया प्रोत्साहित: सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के पीखी गांव में कोविड टीकाकरण को लेकर ग्रामीणों में कई प्रकार की भ्रांतियां थीं। स्वास्थ्य विभाग की टीमों और ग्राम प्रधान हसीबउद्दीन के प्रयास भी जनता के भ्रम को दूर कर पाने में असफल हो रहे थे। तभी ग्राम प्रधान ने गांव की होनहार युवती नौबहार बानो से टीकाकरण कराए जाने में सहयोग मांगा। जिसके बाद नौबहार ने सबसे पहले स्वयं टीका लगवाया और उसके बाद ग्राम प्रधान हसीब के टीका लगा। नौबहार ने टीकाकरण को लेकर अपने प्रयासों की शुरूआत गांव में घर-घर पहुंचकर महिलाओं से बात करके की। नौबहार ने बताया कि ग्रामीणों को टीकाकरण से होने वाले फायदे गिनाए। जिसके बाद कुछ महिलाओं ने राजी होते हुए टीकाकरण कराया। नौबहार बानो कहतीं हैं कि उनका मकसद गांववासियों को लाभ पहुंचाना है। जो वह आगे भी करती रहेंगी। हालांकि उनको प्रशस्ति पत्र के बारे में न कोई जानकारी है। न उन्हें किसी ने सूचित किया है। यूनीसेफ के डिस्ट्रिक्ट मोबिलाइजेशन मैनजर मो. दिलशाद ने बताया कि उनके घर जाकर प्रशस्तिपत्र दिया जाएगा।
बैठक से भी निकली राह: नौबहार ने गांव की ही प्राथमिक पाठशाला में बीएमसी रूबी खानम के साथ बैठक में ग्रामीणों को भी बुलाया। बैठक में नौबहार और बीएमसी ने कोराना वायरस के घातक परिणामों से रूबरू कराया। इसके बाद तो नौबहार को टीकाकरण प्रयास में मिली सफलता सैकड़ों ग्रामीणों हो चुके वैक्सीनेशन तक पहुंच गई।