ये कैसी एयरपोर्ट की नौकरी ! दस दिन से ब्यूटी प्रोडक्ट बेच रहे बेरोजगार Kanpur News
गिरोह ने छात्रा से मेडिकल कॉलेज और कई युवकों से एयरपोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे।
कानपुर, जेएनएन। शहर में इन दिनों ठगों का गिरोह सक्रिय है और लोगों को अपना शिकार बना रहा है। इसलिए किसी के झांसे में न आकर सावधानी रखने की जरूरत है। शहर में रविवार को ऐसे दो मामले सामने आए तो पुलिस भी चौकन्ना हो गई है। नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये लेकर कई धोखेबाज लोगों को शिकार बना रहे हैं। एक मामले में तो कई बेरोजगारों को एयरपोर्ट पर नौकरी के नाम पर ब्यूटी प्रोडेक्ट बिकवाया जा रहा है।
एयरपोर्ट में नौकरी के नाम पर ठगा
सुल्तानपुर निवासी अभिषेक सिंह ने बताया कि विज्ञापन देखकर उन्होंने कंपनी के नंबर पर फोन मिलाया था। फोन रिसीव करने वाली महिला ने चकेरी एयरपोर्ट के सुपरवाइजर के लिए इंटरव्यू व रजिस्ट्रेशन के लिए दिल्ली बुलाया। वहां करीब दो हजार रुपये जमा कराए गए। इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए कानपुर के मसवानपुर स्थित एक अपार्टमेंट में खुले कंपनी के दूसरे दफ्तर में भेज दिया गया। अभिषेक यहां पहुंचे तो देखा कि उनके अलावा पहले से ही जालौन के प्रदीप, करन सिंह, सीतापुर निवासी अनूप यादव, फतेहपुर के सूरज सिंह, ओम सिंह समेत 15 से ज्यादा युवक ट्रेनिंग को आए थे। ट्रेनिंग व खानपान के नाम पर फिर 12 से 15 हजार रुपये जमा कराए गए।
आरोप है कि दफ्तर की महिला अधिकारी व कर्मचारियों ने उन्हें एक कंपनी के ब्यूटी प्रोडक्ट देकर उन्हें बेचने के लिए कहा। प्रदीप के मुताबिक वे सभी आठ-दस दिन से प्रोडक्ट बेच रहे हैं। सभी सोच रहे थे कि ये कैसी एयरपोर्ट की नौकरी है, इस बीच शनिवार शाम पता लगा कि सुपरवाइजर की एयरपोर्ट पर कोई वैकेंसी नहीं निकली है, तब हंगामा करते हुए पुलिस से शिकायत की। कल्याणपुर थाना प्रभारी अश्विनी पांडेय ने बताया कि युवकों ने तहरीर दी है, जिसके आधार पर जांच कराई जा रही है। आरोप सही मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
छात्रा को मेडिकल कॉलेज में नौकरी का दिया झांसा
कल्याणपुर शिवली रोड निवासी आराधना गुप्ता ने बताया कि जेएनएम द्वितीय वर्ष की छात्रा है। पिछले साल कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल में अप्रेंटिस करने के दौरान औरैया निवासी युवक से मुलाकात हुई थी। उसने नेताओं और अधिकारियों से संबंधों का हवाला देते हुए सैफई मेडिकल कॉलेज में नर्स की नौकरी लगवाने की बात कही और उससे एक लाख रुपये व शैक्षिक प्रमाणपत्र लिये। साल बीतने के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो रकम व प्रमाणपत्र वापस मांगे तो उसने इन्कार कर दिया। थाना पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो रविवार को वह एसएसपी दफ्तर पहुंच गई।