डफरिन में दूसरे दिन भी नहीं हुए अल्ट्रासाउंड
जागरण संवाददाता, कानपुर: डफरिन अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट की जिद मरीजों के लिए परेशानी का
जागरण संवाददाता, कानपुर: डफरिन अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट की जिद मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। उनके अड़ियल रुख की वजह से दूसरे दिन शुक्रवार को भी गर्भवती के अल्ट्रासाउंड नहीं हुए। गर्भवती की परेशानी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने जांच के लिए उर्सला एवं केपीएम अस्पताल रिफर कर दिया।
डफरिन अस्पताल में गर्भवती, प्रसूता एवं युवतियों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुहैया कराने के लिए संविदा पर रेडियोलाजिस्ट डॉ. आरके अग्रवाल की तैनाती की है। गुरुवार को अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच कराने आई गर्भवती के कर्मचारी मनीष द्वारा धक्का देने पर हंगामा हुआ था। हंगामा के बाद डॉ. अग्रवाल अल्ट्रासाउंड जांच बंद कर चले गए। उन्होंने प्रमुख अधीक्षक से भी बात करनी उचित नहीं समझी। डॉ. अग्रवाल के रवैये से नाराज प्रमुख अधीक्षक डॉ. नीतारानी चौधरी ने एडी हेल्थ डॉ. ओपी विश्वकर्मा से शिकायत की थी। बावजूद इसके दूसरे दिन शुक्रवार को डॉ. एके अग्रवाल अस्पताल नहीं आए। सुबह जांच कराने के लिए अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर गर्भवती की लंबी लाइन लगी रही। इंतजार करने के बाद जब वह नहीं आए तो मरीजों के तीमारदारों ने शिकायत प्रमुख अधीक्षक से की। उन्होंने गर्भवती को अल्ट्रासाउंड जांच के लिए उर्सला एवं केपीएम अस्पताल रिफर कराया। प्रमुख अधीक्षक डॉ. नीता रानी चौधरी का कहना है कि अस्पताल में रोजाना 25-30 अल्ट्रासाउंड जांच होती है। हंगामे के बाद गुरुवार को जांच नहीं हुई थी। शुक्रवार को रेडियोलॉजिस्ट के नहीं आने से जांच ठप रही। उन्होंने अवकाश की सूचना भी नहीं दी है।