Kanpur news: घाटमपुर में युवक को बेरहमी से पीटने पर दो दारोगा लाइन हाजिर, एएसपी को सौंपी गई जांच
घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के इटर्रा गांव का मामला है। युवक को बेरहमी से पीटने के मामले में बुधवार को कोतवाली में तैनात दो दारोगा लाइन हाजिर कर दिए गए। इसके साथ ही एडिशनल एसपी को मामले की जांच सौंपी गई है।
घाटमपुर, जागरण संवाददाता। इटर्रा गांव के युवक को बेरहमी से पीटने के मामले में बुधवार को कोतवाली में तैनात दो दारोगा लाइन हाजिर कर दिए गए। वहीं, घायल युवक कानपुर के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में भर्ती है। बुधवार को सीओ तेज बहादुर सिंह उससे मिलने पहुंचे। इंस्पेक्टर ने भी इटर्रा पहुंचकर जांच की। एसपी कानपुर आउटर आदेश पर इस मामले की जांच एडिशनल एसपी को दी गई है।
28 जुलाई को दारोगा धर्मेंद्र कुमार और इरफान खान ने दो सिपाहियों के साथ इटर्रा के 25 वर्षीय सुमित कुशवाहा को उठाया था। सुमित का मां बिट्टन का अरोप है कि पुलिस बेटे को लेकर नौरंगा के एक ढाबे पहुंची और जमकर उसकी पिटाई की।
छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपये की मांग कर दी। उन्होंने गांव के एक जनप्रतिनिधि के माध्यम से 15 हजार रुपये देकर अगले दिन 29 जुलाई को बेटे को छुड़ाया। पुलिस ने इतना पीटा था की सुमित चलने-फिरने में भी असमर्थ था। घर पर हालत बिगड़ती जा रही थी। मानसिक रूप से भी सुमित बीमार हो रहा था। नौ अगस्त को उसको खून की पल्टियां हुईं, जिसके बाद उसे घाटमपुर सीएचसी लाया गया।
जहां से उसे गंभीर हालत में कानपुर एलएलआर अस्पताल रेफर कर दिया गया। बिट्टन ने इस मामले की डीजीपी, कमिश्नर और एसपी से आनलाइन शिकायत की थी।
बुधवार को एसपी तेज स्वरूप सिंह ने मामले की जांच एएसपी आदित्य शुक्ला को दी है। साथ ही प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर दारोगा इरफान खान और धर्मेंद्र कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सीओ तेज बहादुर सिंह ने एलएलआर पहुंचकर पीड़ित और उसके स्वजन के बयान लिए। वहीं, इंस्पेक्टर एसके सिंह ने भी इटर्रा गांव पहुंचकर ग्रामीणों से जानकारी जुटाई।
यह था मामला : पांच दिसंबर 2021 को इटर्रा के सुरेंद्र का शव पड़ोस के गांव कल्याणपुर में तालाब किनारे मिला था। मामले में स्वजन और ग्रामीणों ने वहीं मौजूद एक युवक पर हत्या करने का आरोप लगा पिटाई शुरू कर दी थी। पुलिस ने जब आरोपित को भीड़ से छुड़ाकर हिरासत में लिया तो ग्रामीणों से झड़प हो गई थी। इस पर पुलिस ने आधा सैकड़ा लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की थी। उस समय बनाए गए वीडियो के आधार पर अब पुलिस कार्रवाई कर रही है। मामले की विवेचना दारोगा धर्मेंद्र कुमार के पास थी।
पुलिस ने किया कई युवकों का शोषण
सुमित की बहन ने दारोगा धर्मेंद्र और इरफान पर आरोप लगाया था कि इस मामले को पुलिस ने कमाई का जरिया बना लिया है। गांव के तमाम युवकों को यूं ही उठा लिया जाता है। उनसे जमकर मारपीट होती। इसके बाद 20 से 30 हजार रुपये की मांग की जाती है। रुपये देने के बाद उन्हें छोड़ा जाता।
बहन बोली- कार्रवाई से संतुष्ट नहीं
दो दारोगाओं को लाइन हाजिर करने की पुलिस कार्रवाई को सुमित की बहन खुशबू ने पर्याप्त नहीं बताया है। उनका कहना है कि कुछ दिनों बाद दोनों को किसी और थाने में तैनाती मिलेगी, इससे उन्हें न्याय कैसे मिलेगा? खुशबू का कहना है कि वह सुमित को ले जाने वाले दोनों दारोगा और दोनों सिपाहियों पर रिपोर्ट दर्ज कराएंगी। खुशबू के मुताबिक अस्पताल में सुमित की हालत ठीक नहीं है। सुमित के सिटी स्कैन में मस्तिष्क में खून के थक्के जमे पाए गए हैं। हालत ज्यादा बिगड़ गई है। बताया कि सुमित के दो साल का बेटा है और पत्नी अभी गर्भवती है। ऐसे में उसे कुछ हुआ तो परिवार का ख्याल कौन रखेगा।