कानपुर में मकान में लगी भीषण आग, पांचवीं मंजिल पर एक घंटे फंसा रहा परिवार
एक घंटे के बाद दमकल टीम ने परिवार के सभी सदस्यों को सकुशल निकाल लिया।
कानपुर, जेएनएन। कलक्टरगंज की मूंगफली वाली गली निवासी बारदाना कारोबारी भाइयों अनुराग मिश्र व सत्येंद्र मिश्र के पांच मंजिला घर में शनिवार सुबह शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लग गई। लपटों व धुएं के बीच ऊपरी तल पर रह रहे कारोबारी भाइयों का परिवार भी फंस गया।
चीख पुकार सुनकर पहुंचे लोगों ने पुलिस व फायर ब्रिगेड को फोन किया। इसके बाद आई दमकल टीम ने इमारत के बाहर से सीढ़ी लगाकर परिवार के सदस्यों को निकालना शुरू किया और करीब एक घंटे बाद परिवर को सकुशल बाहर निकाल लिया। करीब एक दर्जन गाडिय़ों से पानी की बौछार डालकर मकान की आग पर काबू पाया गया। सेना के जवान, एम्बुलेंस को भी बुलाया गया और एसएसपी भी रेस्क्यू के दौरान रहे।
बारदाना कारोबारी अनुराग मिश्र का परिवार इमारत की तीसरी मंजिल पर और उनके भाई सत्येंद्र का परिवार भवन की चौथी मंजिल पर रहता है। बेसमेंट में शुक्लागंज निवासी मुस्ताक अहमद की रस्सी की दुकान व अनुराग की बारदाने की दुकान है। ग्राउंड फ्लोर पर दवा कारोबारी फरमान इलाही की दुकान व गोदाम है। दूसरे तल पर अनुराग ने माल रखने के लिए गोदाम बना रखा है।
शनिवार की सुबह करीब सवा छह बजे गोदाम में शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई। प्लास्टिक व टाट की बोरियां जलने से तेज लपटें व धुंआ उठा तो पांचवीं मंजिल पर सो रहे परिवार का दम घुटने लगा। अनुराग की पत्नी शशी उठीं और नीचे जाकर देखा तो आग लगी थी। शोर मचाते हुए उन्होंने पूरे परिवार को जगाया और फिर तीसरी मंजिल पर रह रहे सत्येंद्र के परिवार को भी उठाया। पूरे परिवार ने बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन सीढिय़ों तक आग फैलने के कारण बाहर नहीं निकल सके।
पांचवीं मंजिल पर फंसे परिवार की चीख-पुकार सुन आसपास के लोग पहुंचे और उन्होंने फायर ब्रिगेड पुलिस को सूचना दी। करीब पंद्रह मिनट में लाटूश रोड व फजलगंज फायर स्टेशन से दमकल की गाड़ी पहुंच गई।
दमकल जवानों ने मकान में सीढ़ी लगाकर एक घंटे के अंदर एक एक करके सभी सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। अनुराग, उनकी पत्नी शशि, तीन वर्षीय बेटे विनायक, पांच वर्षीय बेटी श्रेया व सत्येंद्र सकुशल निकाला। इसके बाद तीसरी मंजिल पर फंसीं अनुराग की मां 70 वर्षीय उर्मिला देवी, सत्येंद्र की पत्नी निशा, उनकी 20 वर्षीय बेटी अनुष्का धुएं के कारण बेहोश हो गई थीं, उन्हें तुरंत एंबुलेंस से उर्सला अस्पताल भेजा गया। अब उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। सीएफओ ने इमारत के चारों और से पानी की बौछार कराकर आग पर काबू पाया।
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