अच्छी खबर: कानपुर में 100 दिन में चालू होंगे दो कारखाने
कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी शनिवार दोपहर बिल्हौर के रेशम उत्पादन केंद्र पहुंचे, वहां चल रहे कामकाज का निरीक्षण करने के साथ ही विभागीय अधिकारियों से प्रक्रिया की जानकारी ली।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। रेशम वस्त्रोद्योग के अब तक चले आ रहे ढर्रे से खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, वस्त्रोद्योग, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सत्यदेव पचौरी नाखुश हैं। शनिवार को बिल्हौर स्थित रेशम उत्पादन केंद्र के निरीक्षण के दौरान किसानों की व्यथा सुनीं। आश्वस्त किया कि अब उत्पादक किसानों के मुनाफे को ध्यान में रखकर योजनाएं बनेंगी। साथ ही बंद पड़े दो रेशम धागा कारखाने सौ दिन में चालू कराए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी शनिवार दोपहर बिल्हौर के रेशम उत्पादन केंद्र पहुंचे। वहां चल रहे कामकाज का निरीक्षण करने के साथ ही विभागीय अधिकारियों से प्रक्रिया की जानकारी ली। वहीं परिसर में कुछ किसानों को बुलाकर बातचीत की। कीट पालन करने वाले रेशम उत्पादक किसान भूतनाथ सिंह सहित अन्य किसानों ने उन्हें बताया कि यहां कीट पालन कर हम जो ककून उत्पादन करते हैं, वह बाहर के व्यापारी ले जाते हैं। उप्र में धागा का कारखाना न होने से हमें मुनाफा काफी कम मिल पाता है। इस पर मंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी है और इसी सुधार की दिशा में काम किया जा रहा है।
संवाददाताओं से बातचीत में कैबिनेट मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कीट पालन तो होता है लेकिन रेशम का धागा बनाने का कोई कारखाना नहीं चल रहा। कर्नाटक, बिहार आदि के व्यापारी रेशम ले जाकर धागा बनाते हैं। वह धागा भेजते हैं, जिससे उप्र में रेशम का कपड़ा बनता है। उन्होंने बताया कि पीलीभीत और बहराइच के कारखाने लंबे समय से बंद हैं। उनकी मशीनें बदलवाई जा रही हैं। 100 दिन में वह चालू करा दिए जाएंगे।
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इसके अलावा उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिल्हौर में कोई सरकारी परिसर देखें, जहां किसानों और युवाओं को कीट पालन, रेशम उत्पादन संबंधी प्रशिक्षण केंद्र खोला जा सके। उन्होंने बताया कि बनारस की एक निजी कंपनी ने रेशम उद्योग के संबंधित 17 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का ऑफर दिया है। निरीक्षण में मंत्री प्रतिनिधि पप्पी पांडेय और सुनील बजाज भी साथ रहे।
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