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गलनभरी रात के बाद दिन भी ठिठुरा

शीतलहर के चलते ठंड ने छह साल का रिकार्ड तोड़ दिया। शनिवार को दिन भर चलीं सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी।

By Edited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 01:20 AM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 12:04 PM (IST)
गलनभरी रात के बाद दिन भी ठिठुरा
गलनभरी रात के बाद दिन भी ठिठुरा
कानपुर,जेएनएन। शीतलहर के चलते ठंड ने छह साल का रिकार्ड तोड़ दिया। शनिवार को दिन भर चलीं सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी, वहीं रात में गलन भरी ठंड से घरों में भी राहत नहीं मिली। अधिकतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस रहा। दोनों ही तापमान सामान्य से दो डिग्री कम रहे। आसमान साफ होने से मैदानी इलाकों में लगातार ठंड बढ़ रही है।
29 दिसंबर 2012 को अधिकतम तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। उसके बाद शनिवार को सबसे कम अधिकतम तापमान रिकार्ड किया गया। तापमान लगातार सामान्य से कम होता जा रहा है। धूप खिलने के बावजूद शीतलहर के कारण वह बेअसर रही। दिन ढलने के बाद तो शहरवासियों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. नौशाद खान ने बताया कि दिन में ठंड और बढ़ेगी। दिन के समय तापमान गिरेगा, जबकि रात के वक्त तापमान कुछ बढ़ने की संभावना है।
सर्दी में कोल्ड डायरिया का हमला, 13 भर्ती
सर्दियों में अत्याधिक तला, भुना, वसायुक्त भोजन और व्यायाम व शारीरिक परिश्रम से परहेज करना सेहत पर भारी पड़ रहा है। तापमान बेहद कम होने से कोल्ड डायरिया का हमला तेज हो गया है। एलएलआर अस्पताल (हैलट) में शनिवार को 13 मरीज भर्ती हुए हैं। उन्हें पेट दर्द, उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आने की समस्या है। मेडिसिन विभाग की ओपीडी में डॉ. कुणाल सहाय, डॉ. एमपी सिंह ने मरीजों का इलाज किया। इस दौरान करीब 20 फीसद लोगों ने पेट में ऐंठन, गैस, बदहजमी की दिक्कत बताई। अत्याधिक गंभीर रोगियों को भर्ती किया, दो को इमरजेंसी भेजा गया गया।
क्या हैं कारण
-अत्याधिक ठंड की वजह से पेट की हजम करने की प्रक्रिया कुछ कम हो जाती है।
-सर्दियों में अधिकतर लोग रजाई या कंबल में ही दुबके रहते हैं, जिसकी वजह से गैस बनने लगती है।
-पानी का सेवन कम हो जाता है, जिसकी वजह से पाचक क्रिया कमजोर रहती है।  

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