Coronavirus : सऊदी से लौटे भाई की हालत बिगड़ने पर लेकर पहुंचा अस्पताल, दोनों को आइसोलेट कर ऑक्सीजन पर रखा
सीएमओ देहात सीएमओ ने कोरोना वायरस के संदिग्ध साऊदी अरब से लौटे युवक का नमूना लेने के बाद आइसोलेट न करके लापरवाही दिखाई।
कानपुर, जेएनएन। सऊदी अरब से लौटे भाई की अचानक हालत बिगड़ने पर दूसरा भाई पहले कानपुर देहात के जिला अस्पताल ले गया और फिर सोमवार को शहर के एलएलआर हैलट अस्पताल पहुंचा। उसकी हालत देखकर डॉक्टरों ने कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज मानकर उसके साथ भाई को भी आइसोलेट कर दिया है। दोनों को वार्ड में ऑक्सीजन पर रखा गया है और नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।
कानपुर देहात में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी शायद संजीदा नहीं है। सोमवार सुबह कानपुर देहात के सीएमओ ने सऊदी अरब से लौटे युवक की हालत गंभीर देखकर कोराेना संक्रमण की संदिग्धता जताते हुए नमूना लेकर जांच के लिए भिजवाया लेकिन उसे आइसोलेट नहीं किया। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो भाई उसे लेकर कानपुर के संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) लेकर पहुंचा। छोटे भाई ने बताया कि 35 वर्षीय भाई सऊदी अरब से लौटे हैं। उन्हें बुखार, सांस लेने में तकलीफ हुई तो सीएमओ कानपुर देहात से संपर्क किया। सोमवार सुबह माती स्थित जिला अस्पताल में उनके थ्रोट और नेजल स्वाब का नमूना लिया लेकिन भर्ती नहीं किया, जबकि उनकी हालत गंभीर थी।
हालत बिगड़ने पर सुबह 10 बजे हैलट अस्पताल लेकर आ गए। यहां जिला महामारी वैज्ञानिक डॉ. देव सिंह ने आइडीएच के सीएमएस डॉ. अनूप शुक्ला से बात करके दोनों भाइयों को तत्काल आइसोलेट कराया। मुस्लिम रजा को आक्सीजन पर रखा गया है। इसकी सूचना डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी और सीएमओ कानपुर नगर डॉ. अशोक शुक्ला को दी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो रिचा गिरी ने बताया कि कोराना वायरस के दो संदिग्ध मरीज भर्ती हुए हैं। उन्हें देखने के लिए कोरोना के नोडल अफसर को आइडीएच भेजा है। उनकी स्थिति जानने के बाद ही कुछ बता सकेंगे।
कैसे पहुंचे कानपुर देहात
सबस बड़ा सवाल यह है कि दोनों मजदूर हैं और फिर बिना जांच के सऊदी अरब से कानपुर देहात कैसे पहुंच गए। अचानक तबियत खराब नहीं हुई होगी, ऐसे में अगर यहां रह रहे थे तो महकमा क्यों छिपा रहा है। विदेश से आने वाले किसी भी संदिग्ध का नमूना लेकर उसे फौरन आइसोलेट करना है। यहां संदिग्ध की हालत गंभीर थी, फिर भी उसे आइसोलेशन वार्ड में नहीं भर्ती कराया। जिम्मेदार अफसरों ने लापरवाही बरतते हुए भाई के साथ भेज दिया, जिससे उसके छोटे भाई को भी संदिग्ध मानकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करना पड़ गया।